ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की आवासीय स्कीम आरपीएस 02 वर्ष 2010 स्कीम को लेकर हाईकोर्ट में आवंटन की आपत्ति पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्राधिकरण को फटकार लगाइ है। प्राधिकरण के अधिवक्ता से कहा है कि आप के अधिकारियों को पहले ही दूसरी अदालतों द्वारा चेतावनी दी जा चुकी है, मगर फिर भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे। यदि 3 महीने के अंदर आवंटियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो कार्रवाई की जाएगी। वही प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि इस आदेश का अध्ययन किया जा रहा है।
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आखिर क्या है विवाद
आरपीएस 02 योजना के आवंटियों के अधिवक्ता संजय चैधरी बताते हैं कि ग्रेनो प्राधिकरण ने साल 2010 में मकोड़ा की जमीन पर आवासीय भूखंड योजना निकाली थी। इसमें गुरुचरण समेत काफी लोगों ने आवेदन किया, लेकिन जमीन को विवादित बताकर इस स्कीम को निरस्त कर दिया गया। इसे लेकर हाईकोर्ट का रुख किया और प्राधिकरण को बोर्ड बैठक में इस योजना को बहाल करने के आदेश दिए।
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बोर्ड में ले जाकर प्राधिकरण अधिकारी 34000 प्रति वर्ग मीटर के अनुसार पैसा मांगा। इस पर आवंटियों और अब उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 3 माह में समस्या का निस्तारण करने का आदेश दिया है अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने प्राधिकरण को चेतावनी दी है कि पहले भी कई बार कहां जा चुका है उनसे सबक नहीं ले रहा जबकि 10 साल से ज्यादा तक का पैसा जमा रखा गया है। ऐसे में उनको आवासीय भूखंड क्यों नहीं दिए जा रहे हैं आवंटन की आपत्ति की सुनवाई करते हुए इस मामले में 3 महीने का अल्टीमेटम दिया गया है।