नोएडा प्राधिकरण ने इस बार 17 विशेष छठ घाट तैयार करने का लक्ष्य रखा है, जिनमें बिजली, पानी, शौचालय, सुरक्षा और स्वच्छता की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। शहर के विभिन्न सेक्टरों और गांवों में कुल 50 से अधिक स्थानों पर घाट बनाए जा रहे हैं, ताकि पूर्वांचल से आए हजारों व्रती बिना किसी असुविधा के पूजा-अर्चना कर सकें। यमुना नदी के किनारों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां सफाई अभियान चल रहा है, हालांकि जल की गुणवत्ता में सुधार की चुनौती बनी हुई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यमुना का BOD स्तर तीन गुना बढ़ गया है, जिससे व्रतियों को चर्म रोग का खतरा हो सकता है। फिर भी, प्रशासन दूषित पानी को साफ करने के लिए कवायद में जुटा है।
ग्रेनो वेस्ट के एकमूर्ति घाट पर नेफोवा फाउंडेशन की ओर से व्यापक तैयारी की जा रही है। यहां चेरी काउंटी सोसाइटी और पूर्वांचल एकता मंच के सहयोग से दो भव्य घाटों का निर्माण अंतिम चरण में है। व्रतियों की संख्या में इजाफे को देखते हुए नेफोवा ने नया घाट बनाने की मांग की है, जिस पर प्रशासन सकारात्मक कदम उठा रहा है। घाट पर रोशनी, सजावट, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गंगा आरती की व्यवस्था होगी। नेफोवा के पदाधिकारियों के अनुसार, 27 अक्टूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और 28 को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व संपन्न होगा। इंस्टाग्राम पर जारी एक अपील में हजारों भक्तों को आमंत्रित किया गया है।
घरों में भी सफाई का सिलसिला जोर पकड़ चुका है। महिलाएं ठेकुआ, फल और अन्य प्रसाद तैयार करने में व्यस्त हैं, जबकि पुरुष घाटों पर टेंट, मंच और अन्य सुविधाओं का इंतजाम कर रहे हैं। ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क में भी एक पार्क को घाट के रूप में सजाया जा रहा है, जहां इस्कॉन कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे।
ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 27-28 अक्टूबर को विशेष प्लान लागू किया जाएगा। प्रभावित रूट्स पर डायवर्जन होगा, ताकि घाटों तक पहुंच आसान हो। नोएडा के एसएसआई के. बालाजी ने बताया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिसमें ड्रोन निगरानी और पुलिस बल तैनाती शामिल है।
यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता का भी। पूर्वांचली समुदाय के लिए विशेष महत्व रखने वाला छठ नोएडा की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। व्रती महिलाओं की भक्ति और समर्पण से शहर की गलियां सूर्य देव की जयकारों से गूंजने को तैयार हैं।

