प्रदूषण नियंत्रण पर सुनवाई: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट नाराज
new delhi news दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपाय सुझाने और लागू कराने को लेकर बने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग या राज्य सरकारों ने निदेर्शों का पालन कराने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने गुरुवार को राज्य सरकारों से एक हफ्ते में ताजा हालात पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग में विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाए। आज सुनवाई के दौरान वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा कि सितंबर के पहले 15 दिन पंजाब में पराली जलाने की 129 और हरियाणा में 81 घटनाएं हुईं। आयोग ने बताया कि प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय मानक की तुलना में दिल्ली-एनसीआर में अधिक कड़े उत्सर्जन मानक व मानदंड हैं। किसानों के लिए फसल प्रबंधन उपकरण खरीदने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 में पंजाब के लिए 150 करोड़ और हरियाणा के लिए 75 करोड़ जारी किए गए। इसके अलावा आयोग ने अपनी स्थापना के बाद से समय-समय पर विभिन्न आदेशों, दिशा-निर्देशों और आधिकारिक संचारों के अलावा 83 वैधानिक निर्देश और 15 परामर्श जारी किए हैं। साथ ही अलग-अलग जगहों पर नियमों का उल्लंघन करने वाली 1,099 इकाइयों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा इस साल क्षेत्रीय समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं, जिसमें पूर्ण आयोग और उप समितियों की कई बैठकें की गईं।
new delhi news
आयोग की ओर से कहा गया कि धान की पराली जलाने से निपटने के लिए जून 2021 में मार्गदर्शक ढांचा बनाया गया था। इसके अलावा फसल विविधीकरण, बासमती और कम भूसा वाले धान, यथास्थान फसल अवशेष प्रबंधन को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनरी की खरीद के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है।
सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को लगाई थी फटकार
27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से रोक पाने में नाकाम रहने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से कहा था कि कानून का पालन नहीं किया जा रहा है। आप एक भी ऐसा दिशानिर्देश दिखाइए, जो आपने संबंधित पक्षों को जारी किया हो। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा था कि संबंधित पक्षों को एडवाइजरी और दिशानिर्देश जारी किए जा रहे हैं लेकिन कोर्ट इन प्रयासों से संतुष्ट नहीं हुआ। कोर्ट ने कहा था कि ये सब हवा में है। एनसीआर में क्या हुआ, वो कहीं नहीं दिखाई दे रहा है।
new delhi news