नोएडा (Health Tips:) । बदलती जीवनशैली से हृदय से जुड़ी बीमारियों में परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। हृदयाघात भी सेहत के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इससे बचने का एक ही उपाय है कि जीवनशैली अनुशासित हो और हृदय रोगों से जुड़े प्रारंभिक लक्षणों की अनदेखी न की जाए। यह बातें मेट्रो अस्पताल के चेयरमैन और कॉर्डियोलॉडिस्ट डॉ. पुरुषोत्तम लाल (Metro Hospital Chairman and cardiologist Dr. Purushottam Lal) ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर कही।
उन्होंने बताया कि तनाव वर्तमान में सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या है। इसकी वजह करियर और कार्यक्षेत्र में काम का दबाव आदि हो सकता है। इससे सिर्फ हृदय ही नहीं शरीर की पूरी कार्य प्रणाली प्रभावित होती है। तनाव की वजह से कार्टिसोल हार्मोन असंतुलित होता है, जो कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। इससे ब्लडप्रेशर अनयिंत्रित होता है और वजन तेजी से बढ़ता है, जो हृदयाघात की आशंका को कई गुना बढ़ा देता है। सेहतमंद रहने के लिए पौष्टिक आहार को भोजन का हिस्सा बनाना बहुत आवश्यक है। तेज रफ्तार जिंदगी में हम यह भूल रहे हैं कि क्या खाना है और किन चीजों का सेवन सीमित या नहीं करना है।
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फास्ट फूड, जंक फूड, मैदा व चिकनाई वाली चीजें कोलेस्ट्राल बढ़ाती हैं। ये वजन बढ़ने का भी प्रमुख कारण हैं। इसलिए इनके सेवन से बचें। ये हृदय को ही नहीं, संपूर्ण सेहत को प्रभावित करती हैं। समय के साथ नशे के सेवन बढ़ रहा है। युवाओं के बीच इसका शौक तेजी से पनप रहा है। तंबाकू का किसी भी तरह से सेवन सेहत के लिए हानिकारक है। इसमें पाया जाने वाला निकोटीन धमनियों को सिकोड़ता है। धमनियों के सिकुड़ने से रक्त संचार प्रभावित होता है और इनमें रक्त के थक्के जमा होने लगते हैं। इससे हृदय में अतिरिक्त दबाव बनता है। अल्कोहल के सेवन से कोलेस्ट्राल बढ़ता है और ब्लडप्रेशर अनियंत्रित होता है, जो हृदय रोगों का मुख्य कारण है। कई बार किसी बीमारी से ग्रसित होने पर लोग थोड़ी राहत मिलने के बाद चिकित्सक द्वारा बताई गई दवाओं का लंबे समय तक खुद से सेवन करते हैं। यह तरीका सही नहीं है। रोग की स्थिति समय के साथ बदलती है और यह चिकित्सक को जांच आदि के द्वारा निर्धारित करना होता है कि कब कौन सी दवा रोगी को देनी है।
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यदि एक बार लिखी गई दवाओं का लंबे समय तक सेवन किया गया तो ये अन्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। इनके सेवन से हार्मोंस के लेवल पर असर पड़ता है और हृदय की सेहत खराब होती है।लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठना, पूरी नींद न लेना, असमय भोजन करना और योग व व्यायाम से दूर रहना हृदय की सेहत के लिए ठीक नहीं है। रक्त संचार सुव्यवस्थित रहे, इसके लिए नियमित वॉक, व्यायाम, सैर, साइक्लिंग आदि जरूर करें। इससे वजन नियंत्रित रहेगा और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी। व्यायाम ब्लड प्रेशर व कोलेस्ट्रॉल के नियंत्रण में बहुत सहायक है।
लक्षणों को गंभीरता से लें
हृदय रोगों को लेकर लोगों में जागरूकता का भी अभाव है। घबराहट, सीने में दर्द, सीने में भारीपन, सांस फूलना, आंखों के सामने अंधेरा छा जाना हृदय से जुड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है। इसलिए इस तरह के लक्षणों को गंभीरता से लें।
इन बातों का रखें खयाल
-तनाव से बचें
-पर्याप्त नींद लें
-वजन नियंत्रित रखें
-शारीरिक सक्रियता बनाए रखें
-चाय, काफी का सीमित सेवन करें
-अल्कोहल व तंबाकू का सेवन न करें-
वसा वाले खाद्य पदार्थों का सीमित सेवन करें