Health News: डाक्टर को नीचे वाला भगवान माना जाता है, लेकिन जब डाक्टर ही दरदिगी की हदें पार करने लगे तो क्या होगा। कई सौ लोग इस वक्त टेंशन में होगे जिन्होने डाक्टर समीर सर्राफ से आॅपरेशन कराया होगा। इस वीडियो में आप देखेगे कि किस तरह से डाक्टर ने लोगों की नकली या घटिया क्वालिटी का पेशमेकर लगाया। बता दें कि 20 दिसंबर 2017 को मरीज दिनेश चंद्र के घरवालों ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल शिकायत संख्या 60000170119949 पर की थी। इसमें डॉ. समीर सर्राफ के विरुद्ध लापरवाही बरतने और मरीज की मौत होने की गंभीर शिकायत की थी।इटावा जिले में सैफई आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कार्डियोलॉजी विभाग में तैनात रहे डॉ. समीर सर्राफ की गिरफ्तारी के बाद अब नए-नए राज खुलते जा रहे हैं। सीओ सैफई की ओर से विवेचना यानी जांच में पता चला है कि आरोपी ने 16 अक्तूबर से 25 नवंबर तक का अवकाश ले रखा था।
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विवेचक क्षेत्राधिकारी ने 5 सितंबर को विश्वविद्यालय प्रशासन के माध्यम से लेटर थमाया था। 12 सितंबर को कार्य समिति की बैठक होने के बाद ही आरोपी डॉक्टर ने 40 दिन की छुट्टी ली थी। जांच अधिकारी सीओ नागेंद्र चैबे का कहना है कि जांच कार्रवाई अभी जारी है। हर स्तर पर जांच की जा रही है।
जनपद मैनपुरी निवासी रेनू चैहान ने बताया कि गत 24 सितंबर 2019 को पति चेतन चैहान की तबीयत खराब होने पर सैफई ले गए थे। कार्डियोलॉजी विभाग में मौजूद असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. समीर सर्राफ ने पति को भर्ती कर लिया। 26 सितंबर को पेसमेकर डाला और 27 सितंबर छुट्टी कर दी। इसके लिए डॉक्टर ने दो लाख रुपये लिए थे। आरोप लगाया कि नॉन एमआरआई पेसमेकर लगाकर दोगुना फीस वसूली थी।
उन्होंने बताया कि लगातार डाक्टर हमें और बीमार पति को एक मेडिकल स्टोर पर बुलाया करता था। दवाई का पर्चा लिखा करता था। दवाई भी वहीं मिलती थी। जब हम कानपुर में पति को दिखाने गए, तो वहां जांच के दौरान पता चला कि नॉन एमआई पेसमेकर डला है। काफी शिकायत की, लेकिन हमारे विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक नहीं सुनी।
पति का इलाज करते- करते हम कई लोगों के कर्जदार हो गए, लेकिन पति आज भी बीमार हैं। डॉक्टर की गिरफ्तारी पर खुशी मिली। कहा कि न जाने उसने हम जैसे न जाने कितने परिवार उसने बर्बाद किए होंगे। गत 20 दिसंबर 2017 को मरीज दिनेश चंद्र के परिजनों ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल शिकायत संख्या 60000170119949 पर की थी। इसमें डॉ. समीर सर्राफ के विरुद्ध लापरवाही बरतने और मरीज की मौत होने की शिकायत की थी।
मरीज रोली सोमवंशी का पेसमेकर डॉ. समीर ने 12 अगस्त 2017 को डाला था। खराब गुणवत्ता के कारण बाहर निकल आया। मामला दिल्ली हाईकोर्ट में गया था। विश्वविद्यालय में कार्यरत नर्सिंग ऑफिसर ग्रेड-संगीता यादव ने हैंवरा निवासी अपनी बहन की सास के लिए 2017 में पेसमेकर लगवाने के लिये डॉक्टर से संपर्क किया और 40 हजार रुपये लेने के बाद पेसमेकर ही नहीं डाला।
इसके बाद विवाद बढ़ने पर मौखिक शिकायत तत्कालीन कुलपति बिग्रेडियर टी. प्रभाकर और पूर्व चिकित्सा अधीक्षक एसके गुप्ता से भी की गई थी। मरीज रामप्रकाश ने मुख्यमंत्री पोर्टल जनसुनवाई संख्या 40016118007830 को नौ मई 2018 को डॉ. समीर सर्राफ के विरुद्ध पेसमेकर के अनुचित कीमत के संदर्भ में शिकायत दर्ज की गई।
मरीज ने गुंडागर्दी कर गालियां देने के संबंध में शिकायत की
12 अगस्त 2019 में करहल निवासी मरीज उमाकांत बाथम ने डॉ. समीर सर्राफ के विरुद्ध ओपीडी में गुंडागर्दी कर गालियां देने के गलत व्यवहार के संबंध में लिखित शिकायत की थी। इटावा के दीपक कुमार ने 18 जून 2019 को डॉक्टर के खिलाफ बेवजह मारने पीटने की शिकायत की थी। 31 जनवरी 2019 को मरीज सुदामा के परिजनों ने मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र में डॉ. समीर ने गलत पेसमेकर लगाकर अधिक धनराशि वसूलने की शिकायत की थी।