Hathras News: हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में सत्संग के बाद मची भगदड़ में जिला मुख्यालय पर एक के बाद एक 27 लाशें पहुंची। बुधवार सुबह तक भगदड़ में मरने वाले 124 लोगों में से अधिकांश की पहचान कर ली गई है। सत्संग में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्यों से भी श्रद्धालु आए थे। हादसे की जानकारी मिलने के बाद आए परिजन इन लाशों के ढेर में अपनों की खोज करते रहे। वीभत्स नजारा और परिजन की चीत्कार से हर किसी की आंखें नम हो गईं। पुलिस व प्रशासन शवों की पहचान कराने में देर शाम तक जुटा रहा। मृतकों में कई महिलाएं और बच्चें भी शामिल हैं। एटा सिकंदराराऊ के बॉर्डर पर घटनास्थल है। सीएम योगी आदित्यनाथ हाथरस में घायलों से मिलेंगे।
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मेडिकल कॉलेज स्थित पोस्टमार्टम हाउस पर मंगलवार दोपहर बाद 3 बजे के करीब जैसे-जैसे शवों की संख्या बढ़ती गई, भीड़ भी जुटती गई। एंबुलेंस सायरन बजाते आती गई और लाशों के ढेर लगते चलते गए। कुछ घायलों को निजी वाहनों से भी मेडिकल कॉलेज लाया गया। जिनमें से अधिकांश ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। सड़क किनारे खेत में पानी भरा था। कीचड़ हो रही थी भागने के चक्कर में श्रद्धालु पानी और कीचड़ में फंसकर गिर गए। इसके भीड़ में दबते चले गए। महिलाओं-बच्चों के मुंह-नाक में कीचड़ भर गया था। भीड़ में कुचलने और दम घुटने से अधिक लोगों की मौतें हुईं हैं।
उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि 20 हजार लोगों के कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति मांगी गई थी, इसमें 50 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर जगह भी समतल नहीं थी, भोले के बाबा के पैर छूने की होड़ में भगदड़ मची है। हादसा मंगलवार दोपहर करीब दो बजे हुआ। उस समय सत्संग समाप्त हो गया था और भीड़ अपने वाहनों की ओर जा रही थी। इसी दौरान सत्संग में स्वयंसेवकों भोले बाबा के वाहनों के काफिले को निकालने भीड़ रोक दिया। स्वयंसेवकों ने लाठी डंडों से भीड़ को धकियाकर रोकने और बाबा के काफिले की चरण धूल लेने की होड़ के बीच कुछ महिलाएं गिर पड़ी।
इसी बीच स्वयं सेवकों ने उन्हें धकेला तो वहां भगदड़ मच गई और गिरे लोगों को पीछे से आ रहे लोग कुचलते गए। इस भगदड़ के दौरान काफी संख्या में लोग एनएच के सहारे कीचड़युक्त खेत में गिर गए और उनके ऊपर से भी भीड़ गुजरती चली गई। आनन-फानन आसपास के ग्रामीणों ने राहत व बचाव कार्य शुरू किए और प्रशासन को सूचना दी। तब जाकर घायलों और शवों को जो भी वाहन मिला, उससे सिकंदराराऊ के ट्रामा सेंटर और एटा के मेडिकल कॉलेज भिजवाया गया।
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भीड़ को लेकर खुफिया तंत्र ने किया था अलर्ट
पुलिस के खुफिया तंत्र ने अपनी रिपोर्ट में सत्संग में सवा लाख से अधिक भीड़ जुटने की जानकारी दी थी। यहां पर एलआईयू ने अप्रिय घटना होने की आंशका भी व्यक्त की थी, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदारों ने गंभीरता से नहीं लिया और इसका परिणाम सामने आ गया। अगर समय रहते अधिकारी खुफिया तंत्र की रिपोर्ट पर ध्यान देते तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।U
सत्संग में आगरा से गए थे 15 हजार अनुयायी
सिकंदराराऊ में भोले बाबा के सत्संग में आगरा से करीब 15 हजार अनुयायी गए थे। इसमें दस हजार के करीब महिलाएं हैं। यह अनुयायी दयालबाग, ताजगंज, कुबेरपुर, एत्मादपुर, टेढ़ी बगिया, लालगढ़ी सहित चार दर्जन क्षेत्रों के हैं। अनुयायी बसों और निजी वाहनों से गए। सत्संग खत्म होने के बाद भोले बाबा के पैर छूने के लिए महिलाएं दौड़ीं। हर कोई चाहता था कि साकार विश्व हरि के पैर पकड़ लें या फिर उनके चरणों की धूल मिल जाए। इस बीच बिजली का तार टूटने की अफवाह फैल गई।
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गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम सिकंदराराऊ पहुंची
सिकंदराराऊ में भोले बाबा सत्संग में भगदड़ के दौरान श्रद्धालुओं की मृत्यु के बाद केंद्र सरकार द्वारा गाजियाबाद से एनडीआरएफ की टीम को भेजा गया। मौके पर पहुंचकर एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू आपरेशन जारी किया। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम जिला अस्पताल पहुंच गई है। एनडीआरएफ के अधिकारी जिले के अधिकारियों से बातचीत व अन्य घटना के बारे में छानबीन कर रहे हैं। एनडीआरएफ के 48 लोग सिकंदराराऊ में मौजूद हैं।
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