मीडिया को जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि ऐसा लगता है कि गठबंधन सरकार ने सुनवाई के सारे रास्ते बंद कर दिए है वहां केवल जनता को उपदेश देती है जनता की सुनती नहीं है। जो सरकार गूंगी और बहरी होती है वहां की जनता कभी सुखी जीवन व्यतीत नहीं करती। पहले किसान आंदोलन चला पर सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की और झूठे आश्वासन देकर किसानों की हड़ताल खत्म करवा दी हकीकत तो ये है कि आज भी कोई वायदा ईमानदारी से पूरा नहीं किया, किसानों को परेशान करने के लिए कोई न कोई रास्ता छोड़ दिया। कर्मचारी और अधिकारी भी आज अपने हकों के लिए धरना, प्रदर्शन और हड़ताल का सहारा ले रहे हैं। सरकार इनके पीछे विरोधियों को हाथ बताकर बैठ जाती है जबकि सच्चाई जनता तो जानती है सरकार भी जानती है पर मानती नहीं हैं। यही वजह है कि आज हरियाणा की जनता स्वयं को कोस रही है कि क्या सोचकर इस सरकार को चुना था, आने वाले चुनाव में जनता अपनी भूल का सुधार करते हुए इस सरकार को सबक जरूर सिखाएंगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के पटवारियों और कानूनगो ने विभिन्न मांगों को हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। पटवारियों और कानूनगो का कहना है कि सरकार के साथ कुछ मांगों पर समझौता हुआ था पर सरकार उसे भी लागू नहीं कर रही है। राजस्व पटवारियों का वेतनमान 25500 से बढ़ाने पर सहमति हुई थी और न ही वेतन विसंगति दूर की गई है। वेतन विसंगति दूर करने के लिए कई बार कहा गया पर कोई सुनवाई न हुई और हर पटवारियों और कानूनगो ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। ऐसे में आज तक किसी को पता नहीं चल पाया कि सरकार चाहती क्या हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर प्रदेश के 3000 डॉक्टर हड़ताल पर है और उनकी मांग न मानी तो 29 दिसंबर से वे पूर्ण हड़ताल पर चल जाएंगे ऐसे में मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है। डॉक्टरों की हड़ताल से पहले भी कई बार मरीजों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकार को हठधर्मिता छोड़कर कर्मचारियों, अधिकारियों और डॉक्टरों की बात सुननी चाहिए क्योंकि सत्ता के मद में चूर सरकार को जनता सत्ता से बाहर का ही रास्ता दिखाती है।