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Haryana News: अपने वादे के मुताबिक किसानों को धान पर 3100 का रेट दे बीजेपी- हुड्डा
Haryana News: एकबार फिर बीजेपी सरकार किसानों को एमएसपी और खाद देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है। क्योंकि मंडियों में धान की खरीद नहीं होने के चलते किसान एमएसपी से कम रेट में फसल बेचने को मजबूर हैं। जबकि बीजेपी ने चुनाव में किसानों को धान पर 3100 रुपये रेट देने का वादा किया था। लेकिन चुनाव में जीत के बाद हमेशा की तरह बीजेपी अपने वादे से मुकर गई। ये कहना है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का।
पराली जलाने के मामलों में किसानों पर कार्रवाई का फैसला वापिस ले सरकार- हुड्डा
हुड्डा ने कहा कि अगली फसल की बिजाई के लिए सरकार द्वारा किसानों को डीएपी भी मुहैया नहीं करवाया जा रहा। खाद की सप्लाई नहीं होने के चलते किसानों को लंबी-लंबी कतारों में कई-कई दिन इंतजार करना पड़ रहा है। फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही और उन्हें ब्लैक में खाद खरीदनी पड़ रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पूरे प्रदेश की मंडियां धान से अटी पड़ी हैं। किसानों को मजबूरन अपनी फसल सड़क पर डालनी पड़ रही है। खरीद के बाद सरकार द्वारा जानबूझकर उठान में भी देरी की जा रही है। अबतक 10 लाख मिट्रिक टन धान का उठान बाकी है। इसके चलते किसानों को भुगतान में भी देरी हो रही है। सरकारी अनदेखी के चलते किसानों को ₹3100 तो दूर एमएसपी से भी 200-400 रुपये कम रेट में फसल बेचनी पड़ रही है।
हुड्डा ने कहा कि अगली फसल की बिजाई के लिए सरकार द्वारा किसानों को डीएपी भी मुहैया नहीं करवाया जा रहा। खाद की सप्लाई नहीं होने के चलते किसानों को लंबी-लंबी कतारों में कई-कई दिन इंतजार करना पड़ रहा है। फिर भी उन्हें खाद नहीं मिल पा रही और उन्हें ब्लैक में खाद खरीदनी पड़ रही है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पूरे प्रदेश की मंडियां धान से अटी पड़ी हैं। किसानों को मजबूरन अपनी फसल सड़क पर डालनी पड़ रही है। खरीद के बाद सरकार द्वारा जानबूझकर उठान में भी देरी की जा रही है। अबतक 10 लाख मिट्रिक टन धान का उठान बाकी है। इसके चलते किसानों को भुगतान में भी देरी हो रही है। सरकारी अनदेखी के चलते किसानों को ₹3100 तो दूर एमएसपी से भी 200-400 रुपये कम रेट में फसल बेचनी पड़ रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसपी और खाद मुहैया करवाने की बजाए सरकार ने सारा जोर पराली के बहाने किसानों पर कार्रवाई करने में लगा रखा है। पूरे प्रदेश में किसानों के विरुद्ध मामले दर्ज किए जा रहे हैं और उन्हें रेड लिस्ट किया जा रहा है। जबकि सरकार को चाहिए कि वो पराली की एमएसपी निर्धारित करके इसकी खरीद करे। पराली जलाने को लेकर सरकार द्वारा किसानों पर की गई कार्रवाई पूरी तरह निंदनीय है। सरकार को तुरंत अपना फैसला वापिस लेना चाहिए और पराली के निस्तारण का उचित समाधान निकालना चाहिए।