Haryana News:अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा (Miss Selja) ने कहा है कि प्रदेश की भाजपा सरकार की शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई उस समय खुलकर सामने आ गई जब कोविड काल में 700 करोड़ रुपये के खरीदे गए 05 लाख टैबलेट आज मात्र खिलौना बनकर रह गए है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह टैब घोटाले की निष्पक्ष जांच करवाकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, जिन्होंने टैब के नाम पर देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया।
मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि कोविड काल में सरकार स्कूलों के पांच लाख विद्यार्थियों को 700 करोड़ रुपये कीमत के टैब शैक्षणिक सत्र 2025-26 में बिना सिम और बिना नेट सुविधा के बंद पड़े है ये कब चालू होंगे किसी के पास कोई जवाब नहीं है फिलहाल तो ये मात्र खिलौना बने हुए हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि यह योजना तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार के कार्यकाल में शुरू हुई थी पर मौजूदा सरकार ने इस योजना को ही पानी पिला दिया है। इससे विद्यार्थियों को लाभ तो क्या हुआ अब तक उन्हें नुकसान ही हो रहा है। इन टैब में तीन साल तक के लिए ही पाठ्यक्रम डाला गया था, सरकार इनका डाटा भी बदलना चाहती थी पर वह काम भी नहीं हुआ।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार आंख बंदकर अधिकारियों पर भरोसा करते हुए योजनाएं लागू कर देती है उनसे लाभ हो रहा है या नुकसान इस ओर सरकार ध्यान ही नहीं देती। सरकार ने सेंट्रलाइज्ड परचेजिंग के माध्यम से खुद भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। सरकार की शिक्षा नीति सदा धराशायी होती रही है। जहां स्कूलों में बिजली का कनेक्शन तक नहीं है वहां पर कंप्यूटर भेज दिए गए, जहां पर नेट नहीं सिम नहीं वहां के बच्चों को हाथ में दिखावे के लिए टैब पकड़ा दिए गए बाद में टैब के दुरुपयोग के बहाने वापस भी ले लिए गए, दुरुपयोग करने वालों की संख्या बेहद कम थी, उन्हीं से वापस लेना उचित होता। अप्रैल 2025-26 का शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है पर टैबलेट वितरित नहीं किए गए, शायद किसी कोने में पड़े धूल फांक रहे होंगे।
सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार को सबसे पहले इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर ध्यान देना चाहिए, स्कूलों में बिजली, पानी और शौचालयों का प्रबंध होना चाहिए। जर्जर भवनों की अगर मरम्मत लायक हो तो मरम्मत करवाई जाए या नए भवन बनवाए जाए। स्कूलों में बिजली के कनेक्शन के साथ ही नेट की सुविधा होनी चाहिए, वाईफाई की सुविधा भी प्रदान की जा सकती है। सरकार के भेजे गए कंप्यूटर भी स्कूल के किसी कोने में पड़े होंगे ऐसे ही हालात एजूसेट के भी हुए। बिना सोच विचार के कंप्यूटर, टैब और एजूसेट भेजने पीछे भ्रष्टाचार की बू आती है। सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार से मांग की है कि टैब अगर खराब है तो उन्हें ठीक करवाकर और सिम व नेट की सुविधा प्रदान करते हुए बच्चों को वितरित किए जाए क्योंकि ये बच्चों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही खरीदे गए थे। या सरकार ने मान लिया है कि 700 करोड़ रुपये तो गए पानी में।

