सरकार ने 1992 बैच के IPS अधिकारी ओ.पी. सिंह को कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया है। सिंह कपूर की अनुपस्थिति में अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। यह नियुक्ति तब तक प्रभावी रहेगी जब तक नया स्थायी डीजीपी नियुक्त नहीं हो जाता। चूंकि ओ.पी. सिंह 31 दिसंबर 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, इसलिए सरकार जल्द ही वरिष्ठ IPS अधिकारियों के नामों का पैनल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को भेजने की तैयारी कर रही है।
यह पूरा मामला अक्टूबर महीने में सामने आया था। 7 अक्टूबर 2025 को 2001 बैच के IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार (52 वर्ष) की लाश चंडीगढ़ में मिली थी। उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। उनके द्वारा छोड़ी गई आठ पन्नों की सुसाइड नोट में कई वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें शत्रुजीत कपूर का नाम भी शामिल है, पर जातिगत भेदभाव, लगातार मानसिक प्रताड़ना, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार के गंभीर आरोप लगाए गए थे।
विपक्षी दलों के बढ़ते दबाव के बाद सरकार ने पहले रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया को हटाया और फिर 14 अक्टूबर को शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया गया था। पूरन कुमार की पत्नी, IAS अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने पोस्टमॉर्टम की अनुमति एक सप्ताह बाद दी, जब चंडीगढ़ पुलिस ने निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया और हरियाणा सरकार ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया।
मामले में SC/ST एक्ट भी लागू किया गया है और जांच जारी है। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुसाइड नोट में नामजद कुछ वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ भी शुरू हो चुकी है।
शत्रुजीत कपूर, जो 1990 बैच के अधिकारी हैं और इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं, अगस्त 2023 में हरियाणा के डीजीपी बने थे। इस बदलाव से राज्य पुलिस में नई नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।

