प्रकृति व वृक्षों के पूजन का पर्व है हरेला: अरविन्द ओझा

modinagar news  हरेला पर्व पर विद्या भारती ने भावराव देवरस सरस्वती विद्या मन्दिर, सरस्वती शिशु मंदिर व राधाकृष्ण सरस्वती बालिका विद्या मंदिर में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया।
कथा व्यास अरविन्द ओझा ने उन्होंने कहा कि हरेला पर्व कर्क संक्रांति के अवसर पर मनाया जाने वाला त्योंहार है जो उत्तराखंड की संस्कृति का अभिन्न अंग है। यह पर्व वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देता है इसे हरियाली, प्रकृति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसे पारंपरिक रीति- रिवाज और उत्सव के साथ मनाया जाता है।
उन्होंने कहा विश्व पर्यावरण दिवस के समय भारत में गर्मी पड़ती है। वृक्ष को लगा कर उसकी सम्भाल करनी पड़ती है। इसलिए हरेला पर्व को अंतरराष्ट्रीय वृक्ष दिवस के रूप में मनाना चाहिए। क्यों कि इस समय प्रकृति स्वयं पौधे का पोषण करती है। परमात्मा ने संसार को बनाने के बाद पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी मनुष्य को दी है। इसलिए हमें पृथ्वी के पांचों तत्वों को शुद्ध रखना चाहिए। समारोह में तीनों विद्यालयों के प्रधानाचार्यों सोमदेव गिरी, देवेंद्र कुमार शर्मा व कविता रस्तोगी ने इको क्लब के बच्चों के साथ सभी ने विद्यालय प्रांगण में वृक्षारोपण किया और पर्यावरण संरक्षण की शपथ ली।
इस अवसर पर जिला पर्यावरण प्रमुख मयंक, हिन्दू जीआरएसएस के विभाग पर्यावरण प्रमुख सत्यबली, राहुल दुबे, आनंद मौजूद रहे।

modinagar news

यहां से शेयर करें