टॉप-20 बकाएदारों के आवंटन निरस्त करेगा ग्रेनो प्राधिकरण

ग्रेटर नोएडा । ग्रेनो प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने आज यानी बृहस्पतिवार को आवासीय संपत्ति विभाग की समीक्षा की। सीईओ ने निर्देश दिए कि विगत आवासीय भूखंड स्कीम में जो आवेदक भूखंड पाने में सफल रहे हैं, उनको अगले सप्ताह तक आवंटन पत्र जरूर भेज दें। इतना ही नही उनसे तय समयावधि में आवंटन राशि जमा कराएं। आवासीय संपत्ति विभाग के बकायेदारों की समीक्षा करते हुए सीईओ ने कहा कि टॉप-20 बकाएदारों का आवंटन निरस्त करने के निर्देश दिए हैं।

अगले सप्ताह तक आवासीय भूखंडों के आवंटन पत्र करें जारीरू रितु माहेश्वरी
दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर बीते दिनों 166 आवासीय भूखंडों की स्कीम निकाली गई थी। ई-आॅक्शन के जरिए इनका आवंटन किया गया है। सर्वाधिक बोली लगाने वालों को ही भूखंड मिले हैं। इससे प्राधिकरण को रिजर्व प्राइस से दोगुनी कीमत प्राप्त होगी। सीईओ ने इन सभी सफल आवंटियों को अगले सप्ताह तक आवंटन पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण की बकाया धनराशि न देने वाले आवंटियों पर अब तक कार्रवाई न करने पर विभागीय अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। सीईओ ने टॉप-20 बकाएदारों के आवंटन तत्काल निरस्त करने और उन भूखंडों को स्कीम में शामिल कर नए सिरे से आवंटित करने के निर्देश दिए। इस बैठक में एसीईओ आनंद वर्धन, जीएम आरके देव, प्रबंधक केएम चैधरी समेत अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

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पानी के बिल से जुड़े विवादों का करें निष्तारणःसीईओ
वही सीईओ ने पानी के बिल से जुड़े मसलों को शीघ्र हल करने के निर्देश दिए। सीईओ ने पानी की सप्लाई से लेकर बिल देने तक की प्रक्रिया तय करने के लिए नीति बनाने के निर्देश दिए। सीईओ ने सभी आवंटियों को आॅनलाइन ही बिल भेजने के निर्देष दिए। प्राधिकरण की तरफ से करीब 45 हजार पानी बिल जारी किए जाते हैं। जिन आवंटियों के ई-मेल आईडी अपडेट हैं उनको ई-मेल कर दिया जाता है, जिनके ई-मेल आईडी अपडेट नहीं हैं, उनको हार्ड कॉपी उनके पते पर भेजा जाता हैै।

सीईओ रितु माहेश्वरी ने जल विभाग को निर्देष दिए हैं कि सभी आवंटियों को आॅनलाइन ही पानी के बिल उपलब्ध कराए जाएं। उनके ई-मेल और मोबाइल नंबर अपडेट कर ई-मेल और मैसेज के जरिए भेजे जाएं। सीईओ ने पानी के बिल से जुडें विवादों को खत्म करने के लिए पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए शीघ्र ही एसीईओ स्तर की समिति बनाई जा सकती है। सीईओ की मंशा है कि पानी के बिल को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए।

 

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