Greater Noida:साफ पानी मिले ना मिले लेकिन अब जेब करनी होगी ढिली
ग्रेटर नोएडा में रहने वाले लोगों को यह खबर चैंका सकती है अब तक पानी का बिल जमा कर रहे लोगों पर 10 प्रतिशत की और अधिक मार पड़ने वाली है। सवाल यह है कि साफ पानी मिले या ना मिले लेकिन प्राधिकरण को जल का भुगतान करना होगा। ग्रेनो प्राधिकरण की एसीईओ मेधा रूपम ने 1 अप्रैल से जल्द शुल्क में वृद्धि करने के आदेश जारी कर दिए हैं। अब आवासीय आवंटियों को 157 से लेकर करीब 2000 तक शुल्क देना होगा। जबकि बिल्डर परियोजनाओं के लिए साल भर में 25000 से लेकर 165000 तक का अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण इलाके के लोगों को जलापूर्ति करता है, इसके बदले शुल्क लेता है। 27 मई 2013 को ग्रेनो प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में जल शुल्क पर 1 अप्रैल से हर साल 10 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव पास हुआ था तब से हर वर्ष प्राधिकरण की ओर से आवासीय, संस्थागत, औद्योगिक व्यवसायिक, सामूहिक आवासीय योजना, बिल्डर एवं आईटी के भूखंडों पर जल के बिल में 10 प्रतिशत इजाफा हो रहा है। आवासीय श्रेणी में 60 मीटर तक के भूखंड पर पुरानी दरें 143 है जबकि नई दर 157 कर दी गई है। इसी तरह 1000 से 1100 वर्ग मीटर तक के लिए अभी तक 1652 रुपए का जल शुल्क वसूला जाता था, जो अब बढ़कर 1817 हो गया है। उधर संस्थागत, औद्योगिक, व्यवसायिक भूखंडों के लिए जल शुल्क एक समान है।
तीनों श्रेणी में 1000 वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए हर महीने 778 का शुल्क है जबकि ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी और बिल्डर्स के लिए 5 हजार वर्ग मीटर तक के भूखंडों के लिए 23345 और 5000 से 7500 वर्ग मीटर के भूखंडो के लिए 28947 और 10000 से 15000 तक के भूखंडो के लिए 58362 रूपये कर दिये है।