Greater Noida:। इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एवं जनपद गौतमबुद्ध नगर के प्रशासनिक न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने शनिवार को जिला न्यायालय सभागार में दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिला जज मलखान सिंह ने न्यायमूर्ति अजीत कुमार को पौधा भेंट कर स्वागत किया और लोक अदालत के उद्देश्य व अब तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने न्यायिक प्रणाली को बताया अहम
इस दौरान न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने कहा कि लोक अदालत न्यायिक प्रणाली का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जिसके माध्यम से वादों का त्वरित और सौहार्दपूर्ण निस्तारण संभव होता है। कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारियों, जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष प्रमेन्द्र भाटी और महामंत्री अजीत नागर समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे। उद्घाटन के बाद न्यायमूर्ति अजीत कुमार और जिला जज मलखान सिंह ने न्यायालय परिसर में लगाए गए विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के स्टॉलों का निरीक्षण किया। यहां कौशल विकास केंद्र द्वारा रोजगारपरक प्रशिक्षण योजनाओं, निरूशुल्क स्वास्थ्य शिविर, जन-धन योजना, मुद्रा योजना और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी दी जा रही थी। उन्होंने लाभार्थियों से संवाद कर योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया।
सड़क सुरक्षा पर नुक्कड़ नाटक
इस दौरान ट्रैफिक पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों पर प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक का शुभारंभ भी न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने किया। नाटक के माध्यम से लोगों को यातायात नियमों के पालन का संदेश दिया गया।
इस अवसर पर अपर जिला जज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव चंद्र मोहन श्रीवास्तव, एडिशनल सीपी अजय कुमार, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. शिवाकांत द्विवेदी, जिला जेल अधीक्षक बृजेश, एडीएम प्रशासन मंगलेश दुबे, डिप्टी कलेक्टर दुर्गेश सिंह, बीएसए राहुल पवार सहित न्यायिक, प्रशासनिक और पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
जिला कारागार का भी किया निरीक्षण
कार्यक्रम के उपरांत न्यायमूर्ति अजीत कुमार और जिला जज मलखान सिंह ने जिला कारागार का स्थलीय निरीक्षण कर वहां की आंतरिक व्यवस्थाओं, कैदियों के लिए शैक्षिक व कौशल प्रशिक्षण गतिविधियों, स्वास्थ्य सुविधाओं और पुनर्वास कार्यक्रमों की जानकारी ली। उन्होंने कारागार परिसर में वृक्षारोपण भी किया और निर्देश दिए कि जेल को केवल दंडात्मक संस्था नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास केंद्र के रूप में विकसित किया जाए। इसके बाद न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने अपर प्राइमरी विद्यालय लुक्सर का निरीक्षण किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं से संवाद कर उनकी पढ़ाई, सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों और सुविधाओं का जायजा लिया।

