Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा पारित आदेश को वैधानिक चुनौती देने का फैसला लिया है। क्योंकि आदेश में कई वैधानिक त्रुटियां पाई गई हैं। जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अदालत के आदेश में यह स्पष्ट नहीं है, कि आदेश में दंड किस मुख्य कार्यपालक अधिकारी पर लागू होगा।
क्योंकि ग्रेटर नोएडा की मौजूदा मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी है। इस वाद में नाम के पक्षकर नहीं बनाया है। इसलिए यह आदेश ग्रेटर नोएडा की वर्तमान सीईओ रितु माहेश्वरी पर लागू नहीं होता है। प्राधिकरण का तर्क है कि ग्रेटर नोएडा ने 1000 से लेकर 2500 वर्ग मीटर तक के भूखंड आॅफर देते हुए 10 दिसंबर 2014 में महेश मित्रा ने उक्त दर पर आॅफर की स्वीकार नहीं किया गया था और ना ही अपनी प्रोजेक्ट रिपोर्ट दी थी। जबकि आदेश का पुनरू अनुपालन कराने के लिए जिला उपभोक्ता फोरम ने 3 अप्रैल 2018 को जिला उपभोक्ता फोरम हलफनामा दाखिल किया था। वर्ष 2018 से 2022 तक लगातार सुनवाई जारी रही। प्राधिकरण की ओर से लिखित बहस वर्ष 2019 में दाखिल कर दी गई थी। इसके बाद भी जिला उपभोक्ता फोरम मुख्य कार्यपालक अधिकारी को पक्षकर बनाया जो उचित नहीं है।