Greater Noida News: जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय कक्ष में आईजीआरएस (जन शिकायत निवारण प्रणाली) पोर्टल की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में ऐसे विभागों के अधिकारियों को तलब किया गया, जिनके खिलाफ पोर्टल पर अधिक संख्या में असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त हुए हैं।
जिलाधिकारी ने असंतोषजनक निस्तारण पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे अपने लंबित एवं असंतोषजनक मामलों की गंभीरता से समीक्षा करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शिकायतकर्ता से सीधे संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का शीघ्र और संतोषजनक समाधान सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे प्रतिदिन आईजीआरएस पोर्टल की मॉनिटरिंग करें और लंबित मामलों का प्राथमिकता से निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी व्यक्तिगत रूप से मामलों की प्रगति पर नजर रखें ताकि शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण समाधान हो सके। बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अतुल कुमार, आईजीआरएस प्रभारी अभिषेक साही, उप जिलाधिकारी दादरी अनुज नेहरा, उप जिलाधिकारी सदर चारुल यादव समेत संबंधित विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद रहे।
प्राइवेट बैंक मामलों पर समन्वय का निर्देश
बैठक में लीड बैंक प्रबंधक गौतमबुद्धनगर ने जानकारी दी कि प्राइवेट बैंकों से संबंधित प्रकरण उनके लॉगिन पर प्राप्त हो रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि यदि कोई प्रकरण आपके लॉगिन पर आता है तो संबंधित विभाग से पत्राचार या दूरभाष पर समन्वय स्थापित करते हुए उसका शीघ्र निस्तारण कराया जाए।
50% से अधिक असंतुष्ट फीडबैक वाले विभागों पर कार्रवाई
जिलाधिकारी ने प्रभारी अधिकारी आईजीआरएस को निर्देशित किया कि जिन विभागों में 50 प्रतिशत से अधिक प्रकरण असंतोषजनक स्थिति में हैं, उन पर तत्काल कार्रवाई की जाए। इनमें आबकारी विभाग, लीड बैंक प्रबंधक, सीएचसी जेवर, बिसरख, सिंचाई विभाग, महिला कल्याण, पंचायती राज, औषधि निरीक्षक, बाट माप, बाल विकास परियोजना जेवर, श्रम, लोक निर्माण, खेलकूद, जल निगम ग्रामीण, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, नगर पंचायत जेवर, उद्योग विभाग, स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग शामिल हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि इन विभागों के अधिकारियों का अग्रिम आदेशों तक वेतन रोका जाए और स्पष्टीकरण जारी किया जाए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि शासन स्तर पर भी पोर्टल की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। ऐसे में किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Real Estate News: रियल एस्टेट में सबसे बड़ी चुनौती, क्या है?

