Greater Noida: जनपद में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को और अधिक सुविधा संपन्न बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा शारदा यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा में आंगनबाड़ी केंद्रों हेतु 710 प्री स्कूल किट वितरित की गई। जिसमें ट्राई साइकिल, रीडिंग हॉर्स एबीसीडी सेट, एनिमल सेट, ब्लैक सेट चेयर्स स्टोरी बुक, रिंग क्ले समिति अन्य सामग्री है। इसके साथ ही 3 गर्भवती महिलाओं और 2 बच्चों को पोषण पोटली प्रदान की गई, जिसमें पौष्टिक आहार शामिल था।
शुक्रवार को आंगनवाड़ी प्री-स्कूल किट वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सांसद डॉक्टर महेश शर्मा, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, शारदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पीके गुप्ता, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.रवींद्र कुमार सिन्हा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इस दौरान राज्यपाल द्वारा किट वितरण कार्यक्रम में सहयोग करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया और कहा कि आप सभी के प्रयासों से आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य उज्जवल बन सकेगा क्योंकि यह बच्चे ही विकसित भारत की आधारशिला है।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने समाज के उत्थान में आंगनबाड़ कार्यकत्रियो की महती भूमिका का उल्लेख करते हुए जनपद में संस्थागत प्रसव में हुए उल्लेखनीय वृद्धि को आधुनिक समाज की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। बच्चों की प्रगति व उत्थान हेतु गैर सरकारी संस्था के साथ-साथ प्रबुद्धजनों का आवाहन किया कि समाज के नवनिहाल के पोषण व शालापूर्व शिक्षा के विकास में अपना अमूल्य योगदान करें, जिससे नवीन व सशक्त भारत का निर्माण हो सके। राज्यपाल ने कहा कि बच्चों के इस प्रकार के कार्यक्रमों में विभागीय कार्यों को समाहित करते हुए एक गीत तैयार कराना चाहिए और कार्यक्रम के दौरान समस्त विभागीय कर्मचारी और बच्चों के द्वारा इस गीत का गायन होना चाहिए।
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जब हमारी नीव मजबूत होगी तब ही हम विकसित भारत बना सकते है
राज्यपाल ने कहा कि सरकार और समाज को सबसे पहले आंगनबाड़ी पर ध्यान देना चाहिए जब हमारी नीव मजबूत होगी तब ही हम विकसित भारत बना सकते है। विकसित देश उसे कहेंगे जहां सबसे ज्यादा लोग पढ़े लिखे हो। जो देश को प्रगति की तरफ ले जा सके। हमारे बच्चे कुपोषण का शिकार न हो इसके लिए सबको आगे आना चाहिए यही बच्चे हमारा भविष्य है। रिसर्च से पता चला है विश्व में 7-8 आयु के बच्चे 80 प्रतिशत तक सब कुछ सीख जाते बाकी का 20 प्रतिशत की सिखने में पूरी जिंदगी लग जाती है। बच्चो को संस्कार स्कूल और घर में मिलता है इसलिए ऐसा माहौल बनाए, जिससे उन्हें अच्छा संस्कार मिल सके। आंगनबाड़ी केंद्र जैसी स्वस्थ, स्वच्छ सुंदर कोई संस्था नही है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जनार्दन सिंह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन मंगलेश दुबे, जिला कार्यक्रम अधिकारी पूनम तिवारी, अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी व पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां उपस्थिति रही।