Greater Noida Authority: किसानों का टूट रहा सब्रः बैरिकेड्स तोड़े, पुलिस से झड़प
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) के बाहर पिछले 119 दिनों से धरना दे रहे किसानों ने मंगलवार को जमकर प्रदर्शन किया। किसानों ने प्राधिकरण के दोनों गेटों पर ताला जड़ दिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच जमकर झड़प भी हुई। उग्र किसानों ने प्राधिकरण के गेट पर लगाए गए बैरिकेड्स गिरा दिए। वहीं, प्राधिकरण और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जानकारी मुताबिक, धरना-प्रदर्शन करने 50 गांवों के किसान पहुंचे थे। इस दौरान बैरिकेड्स गिराते समय कई किसान चोटिल हुए हैं। वहीं, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने पूरे धरना-प्रदर्शन की वीडियोग्राफी की है ताकि रिपोर्ट दर्ज करने के बाद उनसे निपटा जा सके। धरना-प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों और किसानों के बीच झड़प भी देखने को मिली। इस दौरान एक किसान बैरिकेड्स लांघने के बाद बेहोश होकर गिर पड़ा।
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करीब साढ़े तीन महीनों से धरने पर बैठे किसानों ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि उनकी मांगों पर अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे 12 सितंबर को प्राधिकरण के दोनों गेटों पर तालाबंदी करेंगे। इसके बाद किसानों ने प्राधिकरण के दोनों मुख्य गेट पर ताला लगा दिया।
किसानों से हुई झड़प में कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी सूचना है। मामले पर किसान नेता बृजेश भाटी ने कहा कि श्श्आज घेरा डालो-डेरा डालो कार्यक्रम के तहत प्राधिकरण का घेराव किया गया है। इसके साथ ही तालाबंदी की गई है। किसानों की मांगों को नहीं माना गया तो यह आंदोलन और उग्र होगा। किसानों के साथ दिखावा किया जा रहा है। उन्हें छला जा रहा है।
वही इस प्रदर्शन में शामिल हुए समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान ने कहा, श्श्नोएडा में जगह-जगह पर किसानों के धरना प्रदर्शन चल रहे हैं लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार किसानों की बात को सुनना ही नहीं चाहती है। किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं और हम किसानों के साथ हैं। जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं हो जाती, उनका यह प्रदर्शन चलता रहेगा। हम किसानों को पूरा साथ देंगे।
सपा का किसानों को समर्थन
किसानों को समर्थन देने के लिए समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी के नेतृत्व में दर्जनों सपाई भी प्रदर्शन में शामिल हुए। राष्ट्रीय प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने कहा कि भाजपा सरकार का आरम्भ से ही अन्नदातों का शोषण करने का रवैया रहा है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी किसानों की इस लड़ाई में उनके साथ खड़ी है और उनके हक दिलाने के लिए संघर्ष में हरसंभव मदद करेगी। इस मौके पर सरधना विधायक अतुल प्रधान, प्रदेश सचिव फकीर चंद नागर, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य इंदर प्रधान, रामशरण नागर एडवोकेट, अतुल शर्मा एडवोकेट, जगवीर नंबरदार, उपदेश नागर, मिंटी खारी, रोहित मत्ते गुर्जर, सुनील बदौली, अजय चैधरी एडवोकेट, मेंहदी हसन, गजेंद्र रावल, आजाद नागर, सीपी सोलंकी, लोकेश भाटी, अतुल प्रधान, संजीव नागर, प्रशांत भाटी, बबली भाटी, मोहित नागर, मोहित यादव, आदि मौजूद रहे।
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किसानों की ये हैं मुख्य मांगें
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की स्थापना के साथ ही किसानों का विरोध शुरू हो गया था। यहां के किसान खुद को इस विकास से दूर मानते आए हैं। पिछले एक दशक के दौरान 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा, 6 प्रतिशत , 7 प्रतिशत और 10 प्रतिशत आबादी भूखंडों से जुड़े मामले लटके हुए हैं। इसके अलावा आबादी निस्तारण, बैकलीज मामले, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर से प्रभावित किसानों की मांग खत्म नहीं हो रही हैं। लगातार किसान आंदोलन चल रहे हैं। पिछले करीब एक वर्ष से डीएमआईसीडीसी से प्रभावित किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ महीनों से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का आंदोलन चल रहा था, लेकिन योगी आदित्यनाथ के आने से पहले किसानों को आश्वासन देकर उठा दिया गया। अब मांगें और शर्त पूरी नहीं होने पर दोबारा 18 जुलाई से किसान धरने पर बैठ गए हैं। अभी बार इस किसान आंदोलन का नेतृत्व महिलाओं के हाथ में है।