ग्रेटर नोएडा: सफाई की आड़ में गंदगी फैला रही एंटनी वेस्ट कंपनी की मशीनें, प्राधिकरण ने लगाया था 50 हजार का जुर्माना

Greater Noida/Antony Waste Company’s Machines News: ग्रेटर नोएडा की चमचमाती सड़कों पर सफाई का दावा करने वाली एंटनी वेस्ट हैंडलिंग कंपनी की मशीनें अब शहरवासियों के लिए सिरदर्द बन चुकी हैं। जहां एक ओर ये मशीनें सड़कों की सफाई का जिम्मा संभाल रही हैं, वहीं दूसरी ओर धूल-मिट्टी उड़ाकर गंदगी फैला रही हैं। स्थानीय निवासियों की शिकायतों के बीच ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएनआईडीए) ने जून 2025 में कंपनी पर सफाई में लापरवाही बरतने के आरोप में 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था। लेकिन चार महीने बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है, जिससे प्रदूषण और स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ रही हैं।

शहर के विभिन्न सेक्टरों में तैनात ये स्वचालित सफाई मशीनें, जो सड़कों से कचरा और धूल हटाने का काम करती हैं, वास्तव में ट्रैफिक के बीच धूल के गुबार उड़ा रही हैं। एक स्थानीय निवासी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शिकायत दर्ज करते हुए लिखा, “ये मशीनें ग्रेटर नोएडा शहर की सड़कों की सफाई करती हैं, एंटनी कंपनी द्वारा सफाई करती हैं, लेकिन सफाई के बजाय गंदगी फैला रही हैं।” इसी तरह, नोएडा क्षेत्र में एक अन्य उपयोगकर्ता ने मार्च 2025 में वीडियो शेयर करते हुए कहा कि “धूल खींचने के बजाय मशीनें सड़क पर ट्रैफिक के बीच धूल उड़ा रही हैं। अधिकारियों का कहना है मशीनों में कोई गड़बड़ी नहीं है।”

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक (स्वास्थ्य विभाग) ने जून में निरीक्षण के दौरान कंपनी की लापरवाही पाई, जिसमें सड़कों के किनारे कूड़े के ढेर लगे होने और मशीनों द्वारा अपर्याप्त सफाई शामिल थी। प्राधिकरण ने कंपनी को सख्त निर्देश दिए थे कि सड़कों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए और कूड़े को तुरंत हटाया जाए। जुर्माने के बाद कंपनी ने सुधार का वादा किया था, लेकिन हालिया शिकायतें बताती हैं कि धूल उड़ाने की समस्या बरकरार है। प्राधिकरण ने हाल ही में एक्स पर कई पोस्ट्स में जवाब देते हुए कहा है कि “सड़क से धूल और मिट्टी की सफाई कर दी गई है, तथा पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है। शिकायत का निस्तारण कर दिया गया है।” हालांकि, शहरवासी इन दावों से असंतुष्ट हैं।

यह मुद्दा ग्रेटर नोएडा के व्यापक सफाई संकट का हिस्सा है। सितंबर 2024 में अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार, सेक्टर गामा-1 जैसे इलाकों में ओवरफ्लो सीवर, बंद स्ट्रीट लाइट्स और सड़कों पर फैली गंदगी से निवासी परेशान हैं। इसी तरह, नवंबर 2024 में सफाईकर्मियों की कमी से गंदगी फैलने की खबरें सामने आईं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में ग्रेटर नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 227 तक पहुंच गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी मशीनों से उड़ने वाली धूल सांस संबंधी बीमारियों को बढ़ावा दे रही है।

एंटनी वेस्ट हैंडलिंग कंपनी, जो ग्रेटर नोएडा में कचरा प्रबंधन का ठेका संभाल रही है, पर पहले भी कई बार सवाल उठे हैं। जुलाई 2024 में नोएडा प्राधिकरण ने सफाई व्यवस्था में खामियों के लिए एक अन्य कंपनी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

ग्रेटर नोएडा के निवासी अब प्राधिकरण से मांग कर रहे हैं कि मशीनों का तकनीकी ऑडिट कराया जाए और पानी छिड़काव को अनिवार्य बनाया जाए। एक पर्यावरण कार्यकर्ता ने एक्स पर लिखा, “ऐसी मशीनें उपयोगी हो सकती हैं, लेकिन यहां वे धूल उड़ा रही हैं और टैक्सपेयर्स के पैसे बर्बाद कर रही हैं।”

प्राधिकरण के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “कंपनी को दोबारा चेतावनी दी गई है और अगले निरीक्षण में और सख्त कार्रवाई होगी।” शहरवासियों से अपील की गई है कि शिकायतें सीधे हेल्पलाइन 0120-2336010 पर दर्ज करें। क्या यह जुर्माना पर्याप्त है या फिर ठेका रद्द करने की जरूरत है? यह सवाल ग्रेटर नोएडा के ‘स्मार्ट सिटी’ दावे पर सवाल खड़े कर रहा है।

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