आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल के नेतृत्व में गाजियाबाद संगठन की आवश्यक चैप्टर
ghaziabad news आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल के नेतृत्व में आईआईए गाजियाबाद चैप्टर ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता का आयोजन किया। आई आई ए पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता में बताया कि इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए), उत्तर प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक संगठन, लंबे समय से प्रदेश में लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की मांग करता आ रहा है। 30 नवम्बर – 2023 को भी आईआईए द्वारा लखनऊ में आयोजित एमएसएमआई उद्यमी महासम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने भी इस मुद्दे को प्राथमिकता से रखकर अपील की गई है। लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की मांग का मुख्य कारण यह है कि यूपीसीडा या उद्योग निदेशालय द्वारा दी गई लीज होल्ड भूमि पर कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उद्यमियों को अनुमतियाँ प्राप्त करने में इन विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं जिसमें निम्नलिखित शामिल है। यदि उद्यमी को अपने उद्योग में कोई नया उत्पाद बनाना है।बैंक लिमिट में बदलाव करना है या बैंक बदलना है। उद्योग की भूमि एवं भवन किराये पर देने हों,अथवा भूमि का अमल्गमेशन या सेपरेशन करना हो। ऐसी अनुमतियाँ प्राप्त करने के लिए उद्यमियों को भ्रष्टाचार का भी शिकार बनना पड़ता है। इसके अतिरिक्त इन अनुमतियों को जारी करने की प्रक्रिया में यूपीसीडा अथवा उद्योग निदेशालय के कर्मचारियों एवं अधिकारियों का भी बहुमूल्य समय नष्ट होता है।
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अंग्रेजों के बनाए लीज होल्ड कानून को खत्म किया जाए:आईआईए
आईआईए ने कहा कि लीज होल्ड भूमि का कानून ब्रिटिश शासन के दौरान लागू हुआ था, जब देशवासियों को गुलाम बनाया गया था। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ‘अमृतकाल’ में इस गुलामी के अंशों से मुक्ति पाने का संकल्प लिया है। अत: आज इस कानून को बदलने की आवश्यकता है।
लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने से उत्तर प्रदेश को कई लाभ होंगे:
प्रशासनिक परेशानियां कम होने से उद्यमियों के समय की बचत होगी, जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास तीव्र होगा। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद और राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे सरकार का 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी शीघ्र पूरा होगा। फ्री होल्ड भूमि पर नए औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा होंगे, जो सरकार की भी प्राथमिकता है। नए रोजगार सृजित होंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार ढूँढने बाहर नहीं जाना पड़ेगा। लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड करने पर जो राजस्व सरकार को मिलेगी, उससे सरकार नये औद्योगिक क्षेत्र सृजित कर सकेगी।
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युपीसीडा एवं उद्योग निदेशालय में कर्मचारी एवं अधिकारी अपना समय औद्योगिक विकास की अन्य गतिविधियों में लगा सकेंगे जिससे औद्योगीकरण बढ़ेगा।
उन्होंने बताया कि औद्योगिक भूमि जब लीज होल्ड पर सरकार उद्यमी को देती है तो उस समय का पूरा लैंड एक्युजिशन कोस्ट डिवेलपमेंट चार्ज एंड प्रीमियम उद्यमी से लिया जाता है। जब सभी कोस्ट उद्यमी द्वारा दी जा चुकी है और सरकार की मंशा के अनुसार उद्योग स्थापित कर चलाया रहा है, तो उन्हें किरायेदारी से मालिकाना हक क्यों नहीं मिलाना चाहिए? क्या हम आजादी के पूर्व चल रही जमीन्दारी प्रथा की तरह सरकारी जमीन्दारी प्रथा की तरफ नहीं बढ़ रहे है? जमीन्दारी प्रथा एवं लीज होल्ड में समानता पर तैयार की गयी रिपोर्ट आपके सुलभ सन्दर्भ हेतु संलग्न है।
प्रदेश की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदला जाए
आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल ने 30 नवंबर 2023 को लखनऊ में आयोजित उद्यमी महासम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि प्रदेश की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदला जाए। नीरज सिंघल ने यह भी सुझाव दिया कि लीज होल्ड भूमि को सशर्त फ्रीहोल्ड में बदला जाए जिसमें भूमि का उपयोग औद्योगिक ही रहे। किसी भी स्थिति में नहीं बदला जा सके। इससे औद्योगिक क्षेत्र का स्वरूप यथावत रहेगा और नए उद्योग स्थापित करने की संभावना बढ़ेगी, जिससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
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