Gorakhpur MSc pass man creates fake IAS racket: एसडीएम को ठोका थप्पड़, 4 गर्लफ्रेंड्स बनाईं-3 को प्रेग्नेंट किया; अब पुलिस हिरासत में

Gorakhpur MSc pass man creates fake IAS racket: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां बिहार के एक एमएससी पास ट्यूशन टीचर ने आईएएस अधिकारी बनकर लोगों को ठगा। आरोपी गौरव कुमार सिंह उर्फ ललित किशोर ने न केवल करोड़ों की ठगी की, बल्कि चार लड़कियों से रिश्ते बनाकर तीन को गर्भवती भी कर दिया। जब एक वास्तविक एसडीएम ने उसके बैच के बारे में सवाल किया, तो उसने गुस्से में दो थप्पड़ जड़ दिए। गोरखपुर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और उसके नेटवर्क की जांच तेज हो गई है।

आरोपी का बैकग्राउंड: गांव से कोचिंग सेंटर तक का सफर
गौरव कुमार सिंह मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी जिले के मेहसौल गांव का रहने वाला है। उसके पिता चालितर राम पेंट पॉलिशिंग का काम करते थे। बचपन से ही होशियार गौरव ने अपने पिता से पेंट पॉलिशिंग सीखी और मजदूरी भी की। 2019 में गणित में एमएससी पूरा करने के बाद वह शिक्षा विभाग में डीआईओएस बनने का सपना देखता रहा। तीन साल तक सिविल सेवा की तैयारी करने के बाद 2022 में उसने सीतामढ़ी में ‘आदित्य सुपर-50’ नाम से कोचिंग सेंटर खोला, जहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती थी। लेकिन जल्द ही उसका असली चेहरा सामने आ गया।

एक छात्र से नौकरी का झांसा देकर 2 लाख रुपये ऐंठने पर कोचिंग सेंटर में धोखाधड़ी का एफआईआर दर्ज हुआ। इसके बाद गौरव एक साल तक भूमिगत हो गया। फिर वह सिविल सेवा में चयनित होकर आईएएस अधिकारी बनने का दावा करने लगा। उसके जीजा अभिषेक कुमार (सॉफ्टवेयर स्टूडेंट) और दोस्त परमानंद गुप्ता की मदद से उसने फर्जी आईएएस आईडी, नेमप्लेट और दस्तावेज तैयार किए। शुरू में दूसरों से दस्तावेज बनवाए जाते थे, लेकिन एक साल पहले एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) लॉन्च होने के बाद उन्होंने एआई का इस्तेमाल कर फर्जी दस्तावेज, क्लिपिंग्स और ऑनलाइन न्यूज आर्टिकल्स जनरेट किए। सोशल मीडिया ग्रुप्स और चैट्स में उसे आईएएस अधिकारी के रूप में प्रमोट किया गया।

फर्जी आईएएस का ‘स्वैग’: 5 लाख मासिक खर्च, काफिला और ठगी का खेल
गौरव ने तीन सालों में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड में अपना नेटवर्क फैला लिया। वह बिल्डर्स और व्यापारियों को सरकारी ठेके और नौकरियां देने का लालच देता था। एआई से बने फर्जी टेंडर पेपर दिखाकर ठगी करता। हर महीने 5 लाख रुपये खर्च कर ‘आईएएस प्रोटोकॉल’ मेंटेन करता—10-15 लोग उसके पीछे चलते (कुछ सिक्योरिटी गार्ड, कुछ फाइलें थामे)। सफेद इनोवा से लाल-नीली लाइट लगाकर घूमता, गांवों और सरकारी दफ्तरों का ‘निरीक्षण’ करता। दावा करता कि केंद्र सरकार का स्पेशल असाइनमेंट है, जैसे गोरखपुर समेत 18 जिलों का दौरा करने और जाँच करने को मिला है। एक ठेकेदार से 5 करोड़ रुपये, दो इनोवा कारें, ज्वेलरी ऐंठीं और 10 गार्ड्स हायर कराए। कुल 40 से ज्यादा लोगों को ठगा, जिसमें नौकरियां, ठेके और शादियां शामिल हैं।

प्यार का जाल: 4 गर्लफ्रेंड्स, 3 प्रेग्नेंट; शादी का ड्रामा
फर्जी आईएएस प्रोफाइल से सोशल मीडिया पर चार लड़कियों से रिश्ते बनाए। उसके दो मोबाइल फोन्स पर चैट्स से पता चला कि तीन लड़कियां फिलहाल प्रेग्नेंट हैं। लड़कियां उसे आईएएस मानकर प्यार करती रहीं, बिना यह जाने कि वह शादीशुदा है या दूसरी लड़कियों से रिश्ता है। तीन साल पहले भूमिगत होने के दौरान बिहार की एक लड़की से ‘लव ड्रामा’ कर भागा और शादी कर ली। अब पत्नी और दो बच्चों के साथ गोरखपुर के गुलरिहा स्लम में किराए के मकान में छिपा था, जहां ‘आईएएस गौरव कुमार’ का बोर्ड लगा रखा था।

एसडीएम को थप्पड़: ‘बैच बताओ’ पर भड़का गुस्सा
बिहार के भागलपुर गांव में एक वास्तविक एसडीएम से मुलाकात हुई। एसडीएम ने बैच और रैंक पूछी, तो गौरव ने गुस्से में दो थप्पड़ मार दिए। एसडीएम हैरान रह गया, लेकिन शिकायत नहीं की। यह घटना उसके बढ़ते अहंकार को प्रदर्शित कर रही है।

गिरफ्तारी: ठेकेदार की शिकायत से खुला राज, 99.90 लाख का ब्राइब
गोरखपुर आने के छह महीने पहले लखनऊ के अशियाना में छिपा था। लेकिन एक बिहार के ठेकेदार ने 450 करोड़ के फर्जी टेंडर के नाम पर 5 करोड़ और दो इनोवा कारें लूटने की शिकायत बिहार और गोरखपुर में दर्ज कराई। गोरखपुर एलआईयू को चिट्ठी मिली। गुलरिहा पुलिस ने तीन महीने निगरानी की और गिरफ्तार कर लिया। अलग से, 7 नवंबर को गोरखपुर स्टेशन पर जीआरपी ने एक युवक को 99.90 लाख रुपये (500 के नोटों की थैली) के साथ पकड़ा—यह नौकरी के लिए ब्राइब ले रहा था, जो गौरव ने बिहार से भेजवाया था। पुलिस ने राशि जब्त कर ली।

पुलिस का एक्शन: नेटवर्क पर शिकंजा, अन्य राज्यों से समन्वय
गोरखपुर के एसपी सिटी अभिनव तिवारी ने बताया, “गौरव उर्फ ललित एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा था। और खुलासे होने वाले हैं। हम बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश पुलिस से समन्वय कर रहे हैं।” आरोपी के जीजा अभिषेक और दोस्त परमानंद पर भी कार्रवाई की जा रही है। एक ठेकेदार को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया, लेकिन पैसे जब्त कर लिए गए हैं। मोबाइल और दस्तावेजों से ठगी का पूरा खेल सामने आ रहा है।

यह मामला न केवल ठगी का, बल्कि सोशल मीडिया और एआई के दुरुपयोग का उदाहरण है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि फर्जी प्रोफाइल्स से सावधान रहें। जांच जारी है।

यहां से शेयर करें