दिल्ली वालो के लिए खुशखबरीः आयी पानी के बिल के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने दिल्ली के लाखों उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। उन्होंने पानी का बिल (water bill)  जमा नहीं करने वाले लोगों के लिए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम की घोषणा की है। इसके लागू होने के बाद 20 हजार लीटर मुफ्त पानी इस्तेमाल करने वाले करीब सात लाख उपभोक्ताओं के बिल जीरो हो जाएंगे। वहीं, 11.7 लाख उपभोक्ताओं पर करीब 5,737 करोड़ रुपये का बिल बकाया है। यह स्कीम एक अगस्त से लागू होगी और तीन महीने तक जारी रहेगी। उपभोक्ताओं को नया बिल भेजा जाएगा जिसे तीन माह में जमा करना होगा।

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सचिवालय में आज यानी मंगलवार को प्रेस कान्फ्रंेस में कहा कि लोगों के पानी के बिल बहुत ज्यादा बकाया हो गए हैं। इनमें सबसे बड़ा यह कारण है कि कोरोना के दौरान मीटर की रीडिंग नहीं हो पाई थी। इससे कई मीटर रीडर ने बिना गए ही गलत रीडिंग भर दी। कई लोगों के पास पानी के गलत बिल गए। कई महीनों तक वास्तविक मीटर रीडिंग नहीं हुई तो अगली बार मीटर रीडिंग में पुराना बिल भी शामिल हो गया। इन सारे कारणों के तहत 27.6 लाख उपभोक्ताओं में से 11.7 लाख ने बिल जमा नहीं किए हैं।

बकायदारों को दो श्रेणी में बांटा
इस स्कीम में बकायदारों को दो श्रेणी में बांटा गया है। पहले वे लोग जिनके दो या दो से ज्यादा मीटर रीडिंग सही है और दूसरा जिन लोगों की एक या शून्य सही रीडिंग है। लिहाजा, जिन लोगों के दो या दो से ज्यादा सही रीडिंग आई हैं तो मीटर रीडर ने उपभोक्ता के घर जाकर वास्तविक रीडिंग ली और उपभोक्ता संतुष्ट है। जिन उपभोक्ताओं के दो या दो से ज्यादा मीटर रीडिंग सही हैं, तो रीडिंग का औसत लिया जाएगा। वहीं, बहुत ज्यादा बढ़ी हुई रीडिंग को हटा दिया गया है। मसलन, अगर किसी के 50, 75 और 200 की तीन रीडिंग हैं तो 75 रीडिंग बीच की हो गई। इसमें 200 वाली रीडिंग 75 से दोगुना से भी ज्यादा है।

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इस दशा में 200 वाली मीटर रीडिंग को हटा देंगे और माना जाएगा कि रीडिंग गलत ली गई है। हमारे पास जितनी भी सही रीडिंग होंगी, उसमें से गलत रीडिंग हटाने के बाद जो रीडिंग बचेंगी, उसका औसत लिया जाएगा। इसके बाद उपभोक्ता जितने महीने का बिल नहीं भरा होगा, उन सभी महीनों में औसत बिल को डाल देंगे और उसे हिसाब से बिल बनाकर भेजा जाएगा। दूसरी श्रेणी में जिन लोगों की कोई औसत मौजूद नहीं है तो उनके पडोसियों का बिल देखेंगे, क्योंकि उपभोक्ता जिस इलाके में रहता है और उसका 300, 100, 50, 25 गज के मकान है तो उस क्षेत्रफल में उसी आकार के जितने घर हैं और उनकी मीटर रीडिंग का औसत निकाला जाएगा और उसी हिसाब से उस उपभोक्ता के पानी का बिल बना दिया जाएगा। इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी।

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