घटना का विवरण: बेसमेंट से शुरू हुई आग, दम घुटने से ज्यादातर मौतें
शनिवार रात करीब 11:45 बजे क्लब के बेसमेंट में आग लगने की शुरुआत हुई, जो तेजी से ऊपरी मंजिल पर फैल गई। शुरुआती जांच में पता चला कि क्लब में इस्तेमाल किए गए पाइरो स्पार्कल गन या इलेक्ट्रिकल फायरवर्क्स (आग के पटाखे) ने ज्वलनशील सामग्री को भड़काया हो सकता है। क्लब में फायर सेफ्टी अलार्म की कमी थी, वेंटिलेशन अपर्याप्त था, जिससे धुएं से दम घुटने के कारण ज्यादातर लोग मारे गए। चार नेपाली पर्यटक और 14 कर्मचारी सहित कुल 25 शव बरामद हुए हैं, जबकि 50 से अधिक घायल हैं। असम से तीन युवक (राहुल तांती, मनोजीत माल और दिगंबर पाटिर) और दार्जिलिंग के सुभाष चेत्री भी शिकार हुए।
क्लब अवैध रूप से नमक की खदानों या बगीचे की जमीन पर बना था, बिना फायर एनओसी या ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के। संकरी गलियों के कारण फायर इंजन भी समय पर नहीं पहुंच सका।
मालिकों पर लुकआउट सर्कुलर
पुलिस ने अब तक पांच गिरफ्तारियां की हैं। इनमें चीफ जनरल मैनेजर राजीव मोडक, जनरल मैनेजर विवेक सिंह, बार मैनेजर राजवीर सिंघानिया, गेट मैनेजर प्रियांशु ठाकुर और दिल्ली से पकड़ा गया मैनेजर भारत शामिल हैं। क्लब के सर्पंच रोशन रेडकर को भी हिरासत में लिया गया है। मालिक भाइयों सौरभ और गौरव लूथरा के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का केस दर्ज है, और उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो गया है। डीजीपी अलोक कुमार ने बताया कि फायर सेफ्टी नियमों का पालन न करने की जांच चल रही है।
मुख्यमंत्री सावंत ने कहा, “प्राथमिक जानकारी से पता चलता है कि क्लब ने फायर सेफ्टी मानदंडों का पालन नहीं किया। सभी दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाएगा।” एक मजिस्ट्रियल जांच एक सप्ताह में पूरी होगी, और सभी क्लबों का सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता की घोषणा की, जबकि राज्य सरकार ने 5 लाख और 50 हजार रुपये देने का ऐलान किया।
मालिक का बयान: ‘दुखद, सहयोग करेंगे’
फरार मालिक सौरभ लूथरा ने सोमवार को पहला बयान जारी कर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह बेहद दुखद है। हम जांच में पूरा सहयोग करेंगे।” लेकिन जनता इसे ‘झूठा बयान’ बता रही है।
लापरवाही पर गुस्सा, भ्रष्टाचार की निंदा
सोशल मीडिया पर जनता का आक्रोश फूट पड़ा है। कई यूजर्स इसे ‘मानव-निर्मित आपदा’ बता रहे हैं, जहां पुलिस, फायर डिपार्टमेंट और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध क्लब फला-फूला। एक यूजर ने लिखा, “पैसे की लालच ने 25 जिंदगियां लील लीं। कुछ दिनों में सब भूल जाएंगे, लेकिन भ्रष्टाचार जारी रहेगा।” नेपाली और असमिया समुदायों में शोक की लहर है, जबकि पर्यटन सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। एक पोस्ट में कहा गया, “गोवा जैसे टूरिस्ट हब में ऐसी लापरवाही? यह सिस्टम की नाकामी है।” गोवा के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी चिंता जताई और सहायता का भरोसा दिया।
यह घटना गोवा के नाइटलाइफ उद्योग के लिए बड़ा झटका है। सरकार ने रोमियो लेन का दूसरा क्लब सील कर दिया है। पीड़ित परिवारों को न्याय मिले, यही उम्मीद की जा रही है।

