गोवा के डीजीपी आलोक कुमार के अनुसार, भाइयों ने रविवार सुबह 3 बजे दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचकर इंडिगो फ्लाइट 6ई-1073 से सुबह 5:30 बजे फुकेत (थाईलैंड) के लिए उड़ान भरी। कुमार ने कहा, “यह उनकी पुलिस जांच से बचने की मंशा को साफ़ तौर पर उजागर कर रहा है।” सोमवार को गोवा पुलिस के अनुरोध पर इमिग्रेशन ब्यूरो ने दोनों के खिलाफ लुक आउट नोटिस (एलओसी) जारी किया। पुलिस अब सीबीआई के इंटरपोल डिवीजन के साथ समन्वय कर रही है ताकि उनकी शीघ्र गिरफ्तारी सुनिश्चित हो सके।
आग लगने के बाद रविवार को गोवा पुलिस ने दिल्ली जाकर भाइयों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। उनकी ऑफिस और आवासों पर छापेमारी की गई, लेकिन वे मौके पर नहीं मिले। दोनों संपत्तियों पर कानूनी धाराओं के तहत नोटिस चस्पा कर दिए गए। पुलिस को मुंबई के इमिग्रेशन ब्यूरो से भाइयों के देश छोड़ने की जानकारी मिली। उधर, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गोवा पुलिस की सूचना पर एक अन्य आरोपी भरत कोहली को उत्तर दिल्ली के सब्जी मंडी से गिरफ्तार कर गोवा प्राधिकारियों को सौंप दिया।
भूमि मालिक का 20 साल पुराना संघर्ष
इस क्लब को ‘मौत का जाल’ बनाने वाले अवैध निर्माणों पर वर्षों से सवाल उठ रहे थे। भूमि के मूल मालिक प्रदीप घादी अमोंकर ने बताया कि उन्होंने 1994 में अर्पोरा में 31,000 व 6,000 वर्ग मीटर के दो प्लॉट खरीदे थे। 2004 में उन्होंने सुरिंदर कुमार खोसला के साथ बिक्री समझौता किया, लेकिन खोसला ने पैसे नहीं चुकाए, जिससे समझौता रद्द हो गया। इसके बावजूद खोसला ने भूमि पर क्लब स्थापित किया, जो बाद में लूथरा भाइयों ने संभाल लिया।
अमोंकर ने 20 साल से खोसला के खिलाफ अदालत में मुकदमा चला रहे हैं। उन्होंने 20 दिसंबर 2023 को स्थानीय अर्पोरा-नागोआ पंचायत में शिकायत दर्ज की, जिसमें दुकानों, रेस्तरां, छह संरचनाओं और दो प्लेटफॉर्म्स के अनधिकृत निर्माण का जिक्र था, जो कथित नमक पन पर बने थे। पंचायत ने 17 जनवरी 2024 को साइट इंस्पेक्शन किया और 15 फरवरी को शो-कॉज नोटिस जारी किया। 2024 में पंचायत ने खोसला को ध्वस्तीकरण नोटिस भी भेजा, लेकिन खोसला ने पंचायत निदेशालय से स्टे हासिल कर लिया। अमोंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, “मुख्य आरोपी खोसला है। मैं वर्षों से यह कह रहा हूं और कहता रहूंगा। वह देश छोड़ कर भाग सकता है।”
अर्पोरा सरपंच रोशन रेडकर ने बताया कि पंचायत ने पहले भी संरचना को ध्वस्त करने की कोशिश की, लेकिन स्टे ऑर्डर के कारण नाकाम रही। राज्य सरकार ने स्थानीय पंचायत पर अवैधताओं को जारी रखने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, सरपंच ने क्लब को बिजली, पानी कनेक्शन, मरम्मत और ट्रेड लाइसेंस जैसी अनुमतियां दीं, जबकि मार्च 2024 में लाइसेंस समाप्त हो चुका था। गोवा पंचायत राज एक्ट की धारा 72-ए के तहत पंचायत ऐसी जगहों को सील कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
लूथरा भाइयों का तेजी से विस्तार
सौरभ और गौरव लूथरा ने गोवा के हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में तेजी से कदम जमाया। उन्होंने ‘द्रामेबाज’ नामक जॉइंट से शुरुआत की और फिर ‘रोमियो लेन’ कैफे चेन तक पहुंचे। ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ उनका प्रमुख वेन्यू था, जो पार्टी प्रेमियों के बीच मशहूर था। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि आग शॉर्ट सर्किट या अन्य लापरवाही से लगी, लेकिन अवैध निर्माण ने बचाव को मुश्किल बना दिया।
पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने सोमवार को साइट का निरीक्षण किया। मृतकों के परिजनों ने मुआवजे और सख्त कार्रवाई की मांग की है। गोवा सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं, और विपक्ष ने स्थानीय प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। फिलहाल, लूथरा भाइयों की लोकेशन थाईलैंड में ही बताई जा रही है, और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

