Goa nightclub fire incident: लूथरा ब्रदर्स की थाईलैंड से निर्वासन प्रक्रिया तेज, वकीलों की टीम पहुंची फुकेट

Goa nightclub fire incident: गोवा के अर्पोरा स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में 6-7 दिसंबर की रात हुई भयावह आग की घटना में 25 लोगों की मौत के मामले में मुख्य आरोपी सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा की थाईलैंड से भारत प्रत्यावर्तन (निर्वासन) प्रक्रिया तेज हो गई है। खबरों के अनुसार, भाइयों की कानूनी टीम थाईलैंड पहुंच चुकी है और निर्वासन जल्द पूरा होने की उम्मीद है।

थाई अधिकारियों ने लूथरा ब्रदर्स को अवैध रूप से देश में रहने के आरोप में हिरासत में लिया हुआ है। उनके भारतीय पासपोर्ट निलंबित होने के बाद थाईलैंड में उनकी स्थिति गैरकानूनी हो गई थी। भारतीय दूतावास बैंकॉक थाई अधिकारियों के साथ निकट समन्वय कर रहा है और आपातकालीन यात्रा दस्तावेज (इमरजेंसी सर्टिफिकेट) जारी कर रहा है, ताकि निर्वासन प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो सके।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक टीम पहले ही फुकेट पहुंच चुकी है, जो निर्वासन की औपचारिकताएं पूरी करने में सहायता कर रही है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और पुलिस महानिदेशक अलोक कुमार ने भी पुष्टि की है कि भाइयों को जल्द भारत लाया जाएगा। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि वे 24-48 घंटों में या जल्द ही भारत पहुंच सकते हैं।

घटना का विवरण
घटना 6 दिसंबर की रात करीब 11:45 बजे हुई, जब क्लब में वीकेंड इवेंट चल रहा था और अंदर 150 से ज्यादा लोग मौजूद थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि इवेंट के दौरान इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रिक पटाखों (फायरक्रैकर्स) की चिंगारियां लकड़ी की छत से टकराईं, जिससे आग तेजी से फैल गई। क्लब की संरचना पूरी तरह लकड़ी की होने से आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और 25 लोगों की जान ले ली।

पुलिस जांच में सामने आया है कि नाइटक्लब करीब 18 महीनों से अवैध रूप से चल रहा था। लाइसेंस 2024 से नवीनीकरण नहीं हुआ था, क्योंकि जरूरी अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) नहीं लिए गए थे। क्लब में सुरक्षा मानकों की घोर अनदेखी हुई थी।

भागने और हिरासत की कहानी
आग लगने के कुछ घंटों बाद ही लूथरा ब्रदर्स भारत से थाईलैंड भाग गए थे। गोवा पुलिस ने उनके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया और लुकआउट नोटिस जारी किया। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने उनके पासपोर्ट निलंबित कर दिए, जिससे थाईलैंड में वे अवैध हो गए। थाई पुलिस ने उन्हें 11-12 दिसंबर के आसपास फुकेट से हिरासत में लिया और बाद में बैंकॉक ले जाया गया।

भारत और थाईलैंड के बीच 2013 में हस्ताक्षरित प्रत्यर्पण संधि के तहत सहयोग मजबूत है, हालांकि यह मामला निर्वासन का है।

अन्य गिरफ्तारियां और जांच
पुलिस ने अब तक क्लब के कई कर्मचारियों और पार्टनर को गिरफ्तार किया है, जिनमें बिजनेस पार्टनर अजय गुप्ता, चीफ जनरल मैनेजर राजीव मोदक, गेट मैनेजर प्रियांशु ठाकुर, बार मैनेजर राजवीर सिंहानिया और जनरल मैनेजर विवेक सिंह शामिल हैं। जांच में सरकारी अधिकारियों और फायर डिपार्टमेंट कर्मियों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं।

लूथरा ब्रदर्स के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप लग रहे हैं, क्योंकि वे 42 कंपनियों से जुड़े बताए जा रहे हैं।
यह हादसा गोवा में नाइटक्लबों की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, मुख्य आरोपियों की भारत वापसी का इंतजार है, ताकि उन्हें कानून के सामने पेश किया जा सके।

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