Goa nightclub fire: गोवा के अरपोरा स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में 6 दिसंबर को हुई भयानक आग ने न केवल 25 लोगों की जान ले ली, बल्कि सरकारी अमलों की लापरवाही और अवैध निर्माण की पूरी साजिश को भी बेनकाब कर दिया है। आग की शुरुआत क्लब में फटे इलेक्ट्रिकल पटाखों से हुई, जो तेजी से पूरे भवन में फैल गई। घटना के बाद क्लब के मालिक सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा देश छोड़कर थाईलैंड भाग गए थे, लेकिन केंद्र सरकार के पासपोर्ट कानून के तहत उनकी गिरफ्तारी हो गई है। जांच में सामने आया है कि क्लब को व्यापार, प्रदूषण और शराब के लाइसेंस तो मिले, लेकिन अग्नि सुरक्षा NOC का अभाव था, जिसने इस त्रासदी को आमंत्रित किया।
घटना का पूरा ब्योरा
रात करीब 11:45 बजे ‘बॉलीवुड बैंगर नाइट’ पार्टी के दौरान क्लब के ग्राउंड फ्लोर किचन में इलेक्ट्रिकल पटाखों के फटने से आग लग गई। शुरुआत में इसे एलपीजी सिलेंडर विस्फोट समझा गया, लेकिन जांच में पटाखे ही मुख्य कारण पाए गए। क्लब में सजावट के लिए लगे सूखे पाम के पत्ते आग को तेजी से फैलाने में सहायक बने। संकरी गलियों और द्वीप जैसी लोकेशन के कारण फायर ब्रिगेड को 400 मीटर दूर पार्किंग करनी पड़ी, जिससे बचाव कार्य में दो घंटे से अधिक लग गए। सुबह तक 25 शव बरामद हो चुके थे, जिनमें 20 क्लब के कर्मचारी (झारखंड, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, असम, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक से) शामिल थे। चार दिल्ली के एक परिवार के पर्यटक और एक नेपाली नागरिक भी मारे गए। ज्यादातर मौतें दम घुटने से हुईं, केवल तीन जलने से। 50 से अधिक घायल हुए, जिनमें से छह की हालत अभी गंभीर बनी हुई है।
अवैध अनुमतियां
मीडिया की एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार, क्लब को सात प्रमुख अनुमतियां मिलीं, लेकिन अग्नि सुरक्षा NOC का घोर उल्लंघन हुआ। एम/एस बीइंग जीएस हॉस्पिटैलिटी गोवा अरपोरा एलएलपी (साझेदार: सौरभ लूथरा, गौरव लूथरा और अजय गुप्ता) ने नवंबर 2023 में संपत्ति मालिक सूरिंदर कुमार खोसला से 31,200 वर्ग मीटर भूमि का लाइसेंस लिया। दिसंबर 2023 में अरपोरा-नागोआ पंचायत ने ‘बार, रेस्तरां और नाइटक्लब’ के लिए व्यापार लाइसेंस जारी किया, जो मार्च 2024 में समाप्त हो गया था। फिर भी क्लब चला। पंचायत ने बिजली, पानी और मरम्मत के लिए तीन NOC दिए, लेकिन निर्माण लाइसेंस नहीं। अप्रैल 2024 में गोवा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने 150 सीटों वाले रेस्तरां के लिए सहमति दी, जो 2039 तक वैध है। एक्साइज विभाग ने अप्रैल 2025 से मार्च 2026 तक विदेशी शराब बिक्री का लाइसेंस दिया। गोवा कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी को शिकायतें मिलीं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई क्योंकि यह उनके क्षेत्र से बाहर था। क्लब नमक की खेती वाली इको-सेंसिटिव जोन में अवैध रूप से बनाया गया था।
गोवा पंचायत राज एक्ट की धारा 72-ए के तहत लाइसेंस समाप्त होने पर सीलिंग होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरपंच रोशन वी रेडकर ने लाइसेंस और NOC साइन किए, जो अब गिरफ्तार हैं।
मालिक भाइयों की फरारी और थाईलैंड में हिरासत
आग लगने के तुरंत बाद, रविवार सुबह सौरभ और गौरव लूथरा दिल्ली से फुकेत (थाईलैंड) भाग गए। पुलिस ने दिल्ली में उनके घर पर छापा मारा, लेकिन वे खाली पाए गए। केंद्र सरकार ने पासपोर्ट एक्ट की धारा 10ए के तहत उनके पासपोर्ट सस्पेंड कर दिए, जिससे थाईलैंड में उनका ठहरना अवैध हो गया। सीबीआई ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया। थाई अधिकारियों ने सहयोग कर भाइयों को हिरासत में लिया। भारतीय अधिकारी अब प्रत्यर्पण के लिए थाईलैंड रवाना हो चुके हैं। भाई दिल्ली कोर्ट में अग्रिम जमानत की मांग कर रहे हैं, दावा करते हुए कि वे भवन के मालिक नहीं, बल्कि लाइसेंसधारी हैं और व्यापार बैठक के लिए गए थे। उन पर हत्या नहीं, बल्कि लापरवाही से मौत का आरोप है।
जांच और कार्रवाई
उत्तर गोवा कलेक्टर अंकित यादव के नेतृत्व में जांच चल रही है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कमिटी गठित की है, जिसकी रिपोर्ट 14 दिसंबर तक आने की उम्मीद। आग के बाद पांच गिरफ्तारियां हुईं: सरपंच रोशन रेडकर, राजीव मोडक, विवेक सिंह, राजवीर सिंघानिया, प्रियांशु ठाकुर और भारत कोहली। तीन अधिकारी निलंबित: पंचायत निदेशक सिद्धि तुषार हरलंकर, प्रदूषण बोर्ड सदस्य सचिव डॉ. शमीला मोंटेरो और पंचायत सचिव रघुवीर डी बागकर। गोवा ह्यूमन राइट्स कमीशन ने मुख्य सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी किया।
नॉर्थ गोवा जिला प्रशासन ने नाइटक्लब, होटलों और पर्यटन स्थलों पर पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। सभी क्लबों का फायर सेफ्टी ऑडिट करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों को सहायता का आश्वासन भी दिया।
यह घटना गोवा के पर्यटन उद्योग के लिए बड़ा झटका है। विशेषज्ञों का कहना है कि इको-सेंसिटिव जोन में निर्माण और सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने ऐसी त्रासदी को जन्म दिया। जांच आगे बढ़ने पर और खुलासे होने की संभावना है।

