एसजेएम ने की आमेजन और वालमार्ट के बहिष्कार की अपील, अमेरिका के टैरिफ बढ़ोतरी के बाद उठाया गया कदम

Go Swadeshi News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (SJM) ने अमेरिकी कंपनियों Amazon और Walmart के बहिष्कार की अपील की है। यह कदम अमेरिका द्वारा हाल ही में भारत पर लगाए गए टैरिफ बढ़ोतरी के जवाब में उठाया गया है। SJM ने देशभर में 10 अगस्त को ‘विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो’ आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है, जिसके तहत लोगों से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और विदेशी कंपनियों का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया है।

SJM के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा, “अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ बढ़ाने जैसे दबावकारी हथकंडों का भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। यह समय है कि हम आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ें और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दें।” उन्होंने जोर देकर कहा कि विदेशी कंपनियों, खासकर Amazon और Walmart जैसे बड़े खुदरा ब्रांडों, का भारतीय बाजारों में दबदबा कम करने की जरूरत है, क्योंकि ये स्थानीय व्यापारियों और छोटे उद्यमों के लिए हमेशा चुनौती बन रहे हैं।

SJM ने सरकार से भी अपील की है कि वह राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए अपने रुख पर अडिग रहे। संगठन का मानना है कि टैरिफ बढ़ोतरी जैसे कदमों से भारत को अल्पकालिक नुकसान हो सकता है, लेकिन यह आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा। SJM ने पहले भी विदेशी उत्पादों, विशेष रूप से चीनी सामानों, के बहिष्कार की वकालत की थी, और अब अमेरिकी कंपनियों को निशाना बनाया जा रहा है।

पृष्ठभूमि और SJM की भूमिका
स्वदेशी जागरण मंच, RSS की आर्थिक शाखा के रूप में जाना जाता है, जो स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा देने और विदेशी उत्पादों के बहिष्कार की वकालत करता रहा है। यह संगठन भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन देने पर जोर देता है। 2014 में BJP की सरकार बनने के बाद SJM का प्रभाव सरकार की नीतियों पर भी पड़ा है।

SJM ने पहले भी कई मौकों पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के खिलाफ अभियान चलाए हैं। 2016 में, संगठन ने चीनी सामानों के बहिष्कार के लिए देशव्यापी जागरूकता अभियान चलाया था, जिसमें लोगों से भारतीय उत्पाद खरीदने की अपील की गई थी। इस बार, अमेरिका के टैरिफ बढ़ाने के फैसले के बाद SJM ने Amazon और Walmart जैसे बड़े अमेरिकी ब्रांडों को निशाना बनाया है, जो भारत में ई-कॉमर्स और खुदरा क्षेत्र में प्रमुख खिलाड़ी हैं।

टैरिफ विवाद और भारत-अमेरिका संबंध
अमेरिका ने हाल ही में भारत से आयातित कुछ वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की थी, जिसे SJM ने ‘दबावकारी रणनीति’ करार दिया है। संगठन का कहना है कि इससे भारत को दीर्घकालिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा। दूसरी ओर, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बहिष्कार से भारत के उपभोक्ताओं और छोटे व्यवसायियों को नुकसान हो सकता है, जो Amazon जैसे प्लेटफॉर्म पर निर्भर हैं। Amazon भारत में लाखों उत्पाद बेचता है और स्थानीय विक्रेताओं को भी अपने प्लेटफॉर्म के जरिए व्यापार का अवसर देता है।

आंदोलन का स्वरूप और अपील
SJM ने 10 अगस्त से शुरू होने वाले अपने आंदोलन में लोगों से स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देने की अपील की है। संगठन ने कहा कि यह अभियान देशभर में प्रदर्शन, जागरूकता शिविर और सोशल मीडिया के जरिए चलाया जाएगा। SJM का मानना है कि भारतीय उपभोक्ताओं की ताकत स्वदेशी उत्पादों को अपनाने में है, जो न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, बल्कि विदेशी कंपनियों पर भारत की निर्भरता को भी कम करेगी।

विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने भी प्रतिक्रिया दी है। कुछ नेताओं का कहना है कि इस तरह के बहिष्कार से भारत की वैश्विक व्यापार छवि प्रभावित हो सकती है। हालांकि, SJM और RSS का मानना है कि यह कदम भारत को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

निष्कर्ष
स्वदेशी जागरण मंच का यह कदम एक बार फिर स्वदेशी आंदोलन को गति देने की कोशिश कर रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ‘विदेशी कंपनियां भारत छोड़ो’ अभियान कितना प्रभावी साबित होता है और क्या यह भारतीय उपभोक्ताओं को स्वदेशी उत्पादों की ओर आकर्षित कर पाता है। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण होगा कि भारत सरकार इस टैरिफ विवाद और बहिष्कार की मांग के बीच कैसे संतुलन बनाती है।

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