Ghaziabad News:यूपी के हाईटेक जिले में सरकारी अस्पताल बीमार

Ghaziabad News:जिले के तीन बड़े सरकारी अस्पतालों में टोकन व्यवस्था शुरू न होने की वजह से मरीजों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। आलम यह है कि बुजुर्ग और गंभीर बीमार मरीजों ज्यादा देर तक खड़े रहने से थक जाते हैं।  उन्हें ओपीडी के सामने ही जमीन पर बैठना पड़ता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी(CMO) डॉक्टर भवतोष शंखधर ने फरवरी के दूसरे सप्ताह में जिला एमएमजी अस्पताल, संयुक्त जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में ओपीडी में मरीजों की लाइन खत्म करने के लिए अस्पताल प्रबंधन को टोकन व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे।

लेकिन 25 दिन से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी तीनों अस्पतालों में चिकित्सकों की ओपीडी के बाहर टोकन स्क्रीन नहीं लगाई गई है।  ना ही टोकन व्यवस्था ही शुरू हो पाई है। इसके कारण चिकित्सक को दिखाने में डेढ़ घंटे से दो घंटे का समय मरीजों को लग रहा है। कई बार तो मरीज ठक्कर जमीन पर ही बैठ जाते हैं। इससे उन्हें गंदगी की वजह से इंफेक्शन फैलने का खतरा बना हुआ है।

तीन स्थानों पर लगानी पड़ती है लाइन
Ghaziabad News:तीनों सरकारी अस्पतालों में मरीजों को एक के बाद एक तीन लंबी लाइनों से होकर गुजरना पड़ता है। तब जाकर उन्हें उपचार और दवा मिलती है। मरीजों को सबसे पहले पर्ची बनवाने की लाइन में लगना पड़ता है और यहां पर आधे घंटे में मरीज का पंजीकरण हो पाता है। इसके बाद डेढ़ से दो घंटे तक चिकित्सक को दिखाने के लिए लाइन में खड़े रहना पड़ता है। तीसरी लाइन दवा काउंटर पर होती है। जहां दवा लेने के लिए मरीजों को आधे घंटे तक जद्दोजहद करनी पड़ती है।

 

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पट्टी कराने आई किशोरी बेहोश होकर गिरी
एमएमजी अस्पताल (MMG Hospital) की ओपीडी में अपनी मां अलका पाठक के साथ पैर की चोट दिखाने के लिए आई 14 वर्षीय किशोरी भक्ति पाठक अचानक फिजिशियन की ओपीडी में चक्कर खाकर बेहोश हो गई। महिला एक अन्य तीमारदार की मदद से गोद में उठाकर किशोरी को लेकर इमरजेंसी में पहुंची। इमरजेंसी में तैनात चिकित्सकों ने बताया कि घबराहट की वजह से बच्ची को चक्कर आ गए हैं। उसकी सभी जांच सामान्य पाई गई हैं।
चिपयाना निवासी 60 वर्षीय रूपवती का कहना है कि शरीर में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। एमएमजी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने के लिए एक घंटे तक लाइन में खड़ी रही। लेकिन थक गई तो जमीन पर ही बैठना पड़ा। बुजुर्ग मरीजों को देखने के लिए डॉक्टर को अलग लाइन लगवानी चाहिए।
विजयनगर निवासी 70 वर्षीय प्रेमचंद न बताया कि एमएमजी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने के लिए डेढ़ घंटे तक लाइन में खड़ा रहा लेकिन इंतजार के बाद भी जब बारी नहीं आई तो थकने की वजह से जमीन पर ही बैठ गया।

क्या कहते हैं सीएमओ
सीएमओ डॉ भवतोष शंखधर का कहना है कि तीनों अस्पतालों में मरीजों की लाइन को खत्म करने के लिए टोकन व्यवस्था शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों द्वारा इसको लेकर क्या कदम उठाए गए हैं। इसकी समीक्षा की जाएगी।

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