विदेशी झंडों और डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट के जरिए रच रखा था अंतरराष्ट्रीय जाल
Ghaziabad Kavinagar Fake embassy News । UP STF की नोएडा यूनिट ने गाजियाबाद के कविनगर क्षेत्र में संचालित एक फर्जी दूतावास का भंडाफोड़ कर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस दौरान एसटीएफ ने मौके से एक आरोपी हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया है, जो खुद को डिप्लोमैट बताकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काला कारोबार चला रहा था।
एसटीएफ एसएसपी सुशील कुमार ने बताया कि नोएडा एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्र और एसीपी नवेंदु कुमार के नेतृत्व में टीम को मुखबिर से सूचना मिली कि कविनगर स्थित केबी-35 मकान में अवैध गतिविधियां संचालित हो रही हैं। जब टीम ने वहां दबिश दी, तो मकान के बाहर चार डिप्लोमेटिक नंबर प्लेट लगी लग्जरी गाड़ियां खड़ी मिलीं और भवन पर विभिन्न देशों के झंडे लगे हुए थे।
जांच के दौरान अंदर से हर्षवर्धन जैन मिला, जो किसी प्रकार का वैध दस्तावेज नहीं दिखा सका। पूछताछ में हर्षवर्धन ने बताया कि उसने गाजियाबाद से बीबीए और लंदन से एमबीए किया है। उसके पिता जेड जैन एक प्रमुख उद्योगपति हैं जिनकी राजस्थान के बांसवाड़ा और कांकरोली में ‘इंदिरा मार्बल्स’ और ‘जेड मार्बल्स’ के नाम से माइंस हैं। हर्षवर्धन पहले इन्हीं कंपनियों में काम करता था। फिलहाल, एसटीएफ की टीम आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है और उसके अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क व अन्य सहयोगियों की तलाश में जांच तेज कर दी गई है। यह कार्रवाई उन जालसाजों के लिए सख्त संदेश है जो कूटनीतिक छवि का दुरुपयोग कर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं।
2000 से शुरू हुआ काला खेल
एसएसपी के अनुसार, वर्ष 2000 में हर्षवर्धन की मुलाकात चर्चित तांत्रिक चंद्रास्वामी से हुई, जिसके बाद वह काले कारोबार में उतर गया। चंद्रास्वामी ने उसकी पहचान इंटरनेशनल आर्म्स डीलर अदनान और सऊदी के एहसान अली सैयद से कराई। लंदन में इन सभी के बीच गहरी दोस्ती हुई और दलाली व हवाला का नेटवर्क खड़ा किया गया।
2012 में भी हो चुकी है गिरफ्तारी
हर्षवर्धन वर्ष 2011 में भारत लौटा और 2012 में गाजियाबाद में सैटेलाइट फोन बरामदगी के मामले में पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। इसके बाद उसने कविनगर में फर्जी ह्यएम्बेसडर दूतावासह्ण स्थापित कर लिया, जहां वह कंपनियों और निजी व्यक्तियों को विदेशों में काम दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करता था। साथ ही हवाला कारोबार, फर्जी पासपोर्ट और नकली दस्तावेजों के जरिए कूटनीतिक छवि बनाकर ठगी को अंजाम देता था।
बरामदगी में चौकाने वाले सबूत
पुलिस ने आरोपी के पास से 4 लग्जरी गाड़ियां, माइक्रोनेशन देशों के फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, विदेश मंत्रालय की मोहर लगे कूटरचित दस्तावेज, दो फर्जी पैन कार्ड, 34 विदेशी कंपनियों और देशों की नकली मोहरें, दो फर्जी प्रेस कार्ड, 44 लाख 70 हजार नकद, विभिन्न देशों की विदेशी मुद्रा, सैकड़ों फर्जी दस्तावेज बरामद किया

