घटना रविवार को एनएच-9 पर आयोजित स्वागत कार्यक्रम के दौरान हुई। पंकज चौधरी जैसे ही संबोधन शुरू करने वाले थे, तभी विधायक संजीव शर्मा बुके लेकर तेज कदमों से मंच की ओर बढ़े। इस दौरान उनका पैर तार में अटक गया और वे गिरते-गिरते बचे। महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने उन्हें थामा और गिरने से बचाया, लेकिन साथ ही टोका कि “यह क्या कर रहे हो?” इसी पर विधायक भड़क उठे और पूछा कि स्वागत में उनका नाम क्यों नहीं लिया गया। दोनों के बीच मंच पर ही कुछ देर तीखी बहस हुई, जिसे देख प्रदेश अध्यक्ष भी असहज नजर आए।
वीडियो वायरल होने के बाद विधायक संजीव शर्मा के समर्थकों में रोष है और पार्टी के अंदरूनी कलह की बातें जोर पकड़ रही हैं। सूत्रों के अनुसार, शहर विधायक संजीव शर्मा, महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल और पूर्व पदाधिकारियों के बीच लंबे समय से गुटबाजी चल रही है। हालांकि, माहौल कुछ देर बाद सामान्य हो गया और कार्यक्रम आगे बढ़ा।
सभी पक्षों ने दी सफाई
• विधायक संजीव शर्मा ने कहा कि उनका पैर तार में फंस गया था, कोई धक्का नहीं लगा। उन्होंने किसी विवाद से इनकार किया और सिर्फ इतना बताया कि उन्होंने नाम न बोले जाने की बात पूछी थी।
• महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल ने भी विवाद से इनकार किया। उनका कहना है कि उन्होंने विधायक को सिर्फ गिरने से बचाया था और आगे बढ़ने के लिए कहा।
• अन्य पदाधिकारियों ने इसे महज हादसा बताया और किसी साजिश से इनकार किया।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी इस घटना से खासे नाराज नजर आए, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की।
इसी कार्यक्रम में एक और अजीब घटना
इसी स्वागत समारोह में एक और घटना ने सबका ध्यान खींचा। लाजपत नगर मंडल के महामंत्री माधव सूद की जेब से 50 हजार रुपये की गड्डी गायब हो गई। माइक पर अनाउंसमेंट के बाद भी पैसे नहीं मिले, जिससे कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया। यह घटना भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
फिलहाल पार्टी नेतृत्व इस पूरे मामले को हादसा बताकर टाल रहा है, लेकिन वायरल वीडियो और चर्चाओं ने गाजियाबाद भाजपा में सबकुछ ठीक न होने के संकेत दे दिए हैं। महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं और हाल ही में विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रिय दिखे हैं।

