Germany News: जर्मनी के बवेरिया प्रांत में, ऑलगाउ क्षेत्र के एक ऊबड़-खाबड़ पहाड़ पर बना नॉएश्वानश्टाइन कासल (Neuschwanstein Castle) किसी परीकथा से कम नहीं लगता। यह कासल, जिसे देखकर लगता है मानो यह बादलों के बीच तैर हो रहा हो, दुनिया के सबसे खूबसूरत और रहस्यमयी महलों में से एक है। अब इसे यूनेस्को विश्व धरोहर का दर्जा भी प्राप्त हो चुका है, जो इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को और बढ़ावा देता है।
19वीं सदी में बवेरिया के राजा लुडविग द्वितीय ने इस कासल का निर्माण करवाया था। लुडविग, जिन्हें “परियों का राजा” (Fairy Tale King) भी कहा जाता है, ने इसे अपनी कल्पनाओं का महल बनाया। पहाड़ की चोटी पर चढ़ने का डर भले ही लोगों को सताए, लेकिन कासल की भव्यता और इसके आसपास की प्राकृतिक सुंदरता हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती है। यह कासल न केवल वास्तुकला का अद्भुत नमूना है, बल्कि यह लुडविग के सपनों और रहस्यमयी जीवन का प्रतीक भी है।
नॉएश्वानश्टाइन की दीवारें और सजावट रिचर्ड वैगनर के ओपेरा से प्रेरित हैं, जिनमें मध्यकालीन कथाओं और जर्मन पौराणिक कथाओं को चित्रित किया गया है। इसका थ्रोन हॉल, चमचमाते झूमरों और रंग-बिरंगे भित्तिचित्रों से सजा, देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
हर साल लाखों पर्यटक इस कासल को देखने आते हैं, जो न केवल इसके सौंदर्य की वजह से, बल्कि राजा लुडविग के रहस्यमयी जीवन और उनकी कलात्मक दृष्टि को समझने के लिए भी आकर्षित होते हैं। नॉएश्वानश्टाइन कासल आज भी हमें सपनों और वास्तविकता के बीच के उस जादुई सेतु की याद दिलाता है, जहां एक राजा ने अपने ख्वाबों को पत्थरों में ढाला।
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