जेन ज़ेड का बवाल: ओली की पार्टी के नेताओं को पिटे, धनगढ़ी में झड़प

Gen Z Nepal News: नेपाल में सितंबर महीने में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के दौरान मारे गए 22 युवाओं के गम और गुस्से ने फिर से उबाल ले लिया है। बुधवार को पश्चिम नेपाल के कैलाली जिले के धनगढ़ी में जेन ज़ेड (Gen Z) के युवाओं और पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल (CPN-UML) के कार्यकर्ताओं के बीच ज़ोरदार झड़प हो गई।

झड़प की मुख्य वजह थी पार्टी के पोलिटब्यूरो सदस्य और विवादास्पद नेता महेश बस्नेत का धनगढ़ी आगमन। बस्नेत यूएमएल की युवा इकाई के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। जैसे ही वे धनगढ़ी हवाई अड्डे पर उतरे, वहाँ पहले से मौजूद सैकड़ों जेन ज़ेड प्रदर्शनकारियों ने उन पर नारे लगाते हुए हमला बोल दिया। नारे थे – “ओली के गुंडों वापस जाओ”, “हत्यारों को सजा दो” और “महेश बस्नेत गो बैक”।

पुलिस के अनुसार, यूएमएल के कैडरों ने भी पलटवार किया, जिससे पथराव और लाठी-डंडों का दौर शुरू हो गया। कई प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

यह कोई पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ दिनों में महेश बस्नेत जहाँ-जहाँ जा रहे हैं, जेन ज़ेड युवा वहाँ पहले से पहुँच कर उनका विरोध कर रहे हैं:
• 25 नवंबर को बिराटनगर (मोरंग जिला) में प्रदर्शन
• 19 नवंबर को सिमरा (बारा जिला) में हवाई अड्डे पर घेराव, जिसके कारण बुद्ध एयर की फ्लाइट ही कैंसिल करनी पड़ी थी
• उस दिन बारा में दो दिन का कर्फ्यू तक लगाना पड़ा था

युवाओं का सीधा आरोप है कि सितंबर 2025 में हुए बड़े जन आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में 22 से ज़्यादा लोग मारे गए थे और इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और उनकी पार्टी सीपीएन-यूएमएल ज़िम्मेदार है। उस आंदोलन की वजह से ही ओली सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था।

ओली के इस्तीफे के एक महीने बाद भी युवाओं का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा। देश के अलग-अलग हिस्सों में सीपीएन-यूएमएल के नेताओं को सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से रोका जा रहा है। कई जगहों पर “ओली और उनके गुर्गों को नेपाल में घुसने नहीं देंगे” जैसे पोस्टर लगाए जा रहे हैं।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह नया युवा आंदोलन नेपाल की पुरानी पार्टियों, ख़ासकर कम्युनिस्ट पार्टियों के लिए बड़ा चुनौती बनता जा रहा है। जेन ज़ेड का यह गुस्सा सिर्फ़ भ्रष्टाचार या हत्याओं तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे पुराने राजनीतिक ढांचे को बदलने की माँग कर रहा है।

फिलहाल धनगढ़ी में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। आने वाले दिनों में और प्रदर्शन होने की संभावना है।

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