Kathmandu KP Sharma Oli News: नेपाल की राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का आंदोलन हिंसक हो गया है। अब तक 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है, जबकि 400 से अधिक घायल हैं। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया है, और गृह मंत्री रमेश लेखक पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और PM आवास में आगजनी की है। सेना तैनात है, और कर्फ्यू लगाया गया है।
हिंसा
· प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में घुसकर तोड़फोड़ और आगजनी की।
· राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और PM ओली के निजी आवास को आग के हवाले कर दिया गया।
· पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में आंसू गैस और फायरिंग की गई।
· त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बंद कर दिया गया, और उड़ानें रद्द की गईं।
आंदोलन का नेतृत्व
आंदोलन का नेतृत्व सुदन गुरुंग (36 वर्ष) कर रहे हैं, जो “हामी नेपाल” NGO के अध्यक्ष हैं। उन्होंने युवाओं को स्कूल यूनिफॉर्म और किताबें लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया, लेकिन बाद में स्थिति हिंसक हो गई। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें हैं:
1. सोशल मीडिया प्रतिबंधों को हटाना।
2. भ्रष्टाचार और “नेपो किड” (नेताओं के बच्चों की विलासिता) के खिलाफ कार्रवाई।
3. PM ओली की सरकार का इस्तीफा।
सोशल मीडिया बैन की वजह
नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि इन कंपनियों ने स्थानीय कानूनों का पालन नहीं किया। उन्हें नेपाल में ऑफिस खोलने, यूजर डेटा शेयर करने और कंटेंट मॉडरेशन की शर्तें माननी थीं, लेकिन कंपनियों ने इसे खर्चीला और अव्यवहारिक बताया। टिकटॉक ने समय पर रजिस्ट्रेशन करा लिया, इसलिए उसे छूट दी गई।
“नेपो किड” ट्रेंड और युवाओ का गुस्सा
सोशल मीडिया पर “नेपो किड” ट्रेंड चला, जिसमें नेताओं के बच्चों की विलासितापूर्ण जीवनशैली (महंगी कारें, विदेशी शिक्षा) को उजागर किया गया। इससे युवाओं में गुस्सा फैला, क्योंकि नेपाल की प्रति व्यक्ति आय सिर्फ 1,300 डॉलर सालाना है।
सरकार की कार्रवाई और इस्तीफे
· गृह मंत्री रमेश लेखक ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दिया।
· स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल ने भी इस्तीफा दिया, यह कहते हुए कि “युवाओं को गोली मारना उचित नहीं”।
· PM केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया, और सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है।
· सरकार ने सोशल मीडिया बैन हटाने का एलान किया, लेकिन प्रदर्शन अभी भी जारी हैं।
· काठमांडू, पोखरा, बुटवल समेत कई शहरों में कर्फ्यू लगाया गया है।
· स्कूल-कॉलेज दो दिनों के लिए बंद कर दिए गए हैं।
· नेताओं की सुरक्षा बढ़ाई गई है, और सेना तैनात की गई है।
· प्रदर्शनकारी बालेन शाह (काठमांडू के मेयर) को नया नेता बनाना चाहते हैं।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
· पर्यटन और व्यापार ठप हो गया है।
· विदेशों में रह रहे नेपाली अपने परिवारों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं due to social media ban।
· भारत-नेपाल सीमा पर तनाव बढ़ा है, और SSB मुस्तैद है।
निष्कर्ष
नेपाल में युवाओं का आक्रोश सरकार की जबरदस्त कार्रवाई से और बढ़ गया है। भ्रष्टाचार और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर यह आंदोलन नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। अब सवाल यह है कि क्या नई सरकार युवाओं की मांगों को पूरा कर पाएगी।
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· प्रदर्शनकारी अब भी सड़कों पर हैं।
· सोशल मीडिया बैन हटाया गया, लेकिन इंटरनेट सेवाएं अभी भी अस्थिर हैं।
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