प्रदर्शनकारियों ने सिमरा चौक पर दोपहर करीब 11 बजे इकट्ठा होना शुरू किया, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ दिया। स्थिति बिगड़ने पर स्थानीय प्रशासन ने दोबारा कर्फ्यू लगा दिया है।
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कर्फ्यू दोपहर 12:45 बजे से शाम 8 बजे तक लागू किया गया है। यह प्रतिबंध सिमरा एयरपोर्ट के 500 मीटर के दायरे और गंडक नहर-पठलैया सड़क खंड के दोनों ओर 500 मीटर क्षेत्र में प्रभावी है। जितपुर-सिमरा उप-महानगरपालिका के अंतर्गत आने वाले इन इलाकों में पांच या इससे अधिक लोगों का जमावड़ा, जुलूस, प्रदर्शन या सभा पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बुधवार को हुई हिंसा में जेन-जेड के छह समर्थक घायल हो गए थे। प्रदर्शनकारियों ने सीपीएन-यूएमएल के छह कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस द्वारा गिरफ्तारी न होने से नाराजगी बढ़ गई। जेन-जेड नेता सम्राट उपाध्याय ने बताया कि उनका समूह शांतिपूर्ण विरोध कर रहा था, लेकिन यूएमएल कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया। इसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे सिमरा एयरपोर्ट की उड़ानें रुक गईं। बुद्धा एयरलाइंस ने काठमांडू-सिमरा रूट पर सभी उड़ानें रद्द कर दीं।
झड़प का कारण यूएमएल का ‘यूथ अवेकनिंग कैंपेन’ कार्यक्रम था, जिसमें पार्टी के महासचिव शंकर पोखरेल और युवा नेता महेश बस्नेत को सिमरा एयरपोर्ट के रास्ते पर्वनीपुर पहुंचना था। जेन-जेड युवाओं ने पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली की पार्टी के खिलाफ नारे लगाते हुए विरोध जताया, जो सितंबर में जेन-जेड आंदोलन से उखाड़ फेंकी गई थी। उस आंदोलन में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान 76 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद संसद भंग कर दी गई और राम चंद्र कर्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया।
गुरुवार को दोपहर में सिमरा चौक पर टायर जलाए गए और पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया गया। सहायक मुख्य जिला अधिकारी छबीरामन सुबेदी ने कहा कि कर्फ्यू स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लगाया गया है। इंटरिम प्रधानमंत्री कर्की ने सुरक्षा एजेंसियों को संयम बरतने और शांति बनाए रखने का निर्देश दिया है।
यह घटना नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता को एक बार फिर से उजागर कर दिया है, जहां जेन-जेड युवा लोकतांत्रिक सुधारों की मांग कर रहे हैं, जबकि ओली की पार्टी संसद बहाली की मांग पर सड़कों पर उतर रही है। आने वाले दिनों में 2026 के चुनावों से पहले तनाव और बढ़ सकता है। स्थानीय निवासियों ने शांति की अपील की है, लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं जो हिंसा की तीव्रता को दिखा रहें हैं।

