ghaziabad news जीडीए अब शहर के पार्कों के रखरखाव व निगरानी के लिए आमजन को भी भागीदार बनाने जा रहा है। इसलिए प्राधिकरण ने हरित मित्र योजना शुरू करने की घोषणा की है, जिसके तहत विभिन्न क्षेत्रों के आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों व सामाजिक संगठनों से जुड़े और स्थानीय और स्थानीय लोगों को शामिल किया जाएगा। इसका उद्देश्य पार्कों के रखरखाव में पारदर्शिता, सक्रिय सहभागिता और समय पर फीडबैक सुनिश्चित करना है। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने वीरवार को उद्यान अनुभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर, योजना को दिशा देने के लिए विचार विमर्श किया।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की विकसित की गई उन सभी कॉलोनियों की पहचान की जाए, जिनके पार्क अब तक नगर निगम को हस्तांतरित नहीं हुए हैं। ऐसे पार्कों को चिन्हित कर आॅइकोनिक पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा।
50 करोड़ की लागत से विकसित होंगे ‘आइकोनिक पार्क’,
उद्यान अनुभाग को दिए गए 50 करोड़ रुपए के वार्षिक बजट का उपयोग इन पार्कों के कायाकल्प पर केंद्रित किया जाएगा। पार्कों को आधुनिक सुविधाओं, हरियाली, वॉटर हार्वेस्टिंग और ओपन जिम जैसी सुविधाओं से लैस किया जाएगा, ताकि यह शहर की पहचान बन सकें।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भविष्य में विकसित किए जाने वाले पार्कों में एक नाममात्र शुल्क रखा जाएगा, ताकि पार्कों के रखरखाव की व्यवस्था की जा सके।
प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि इस शुल्क का उद्देश्य लाभ अर्जित करना नहीं, बल्कि पार्कों की स्वच्छता और सतत देखरेख करना होगा।
हरित मित्रों की भूमिका रहेगी अहम
प्राधिकरण उपाध्यक्ष ने कहा कि “हरित मित्र” योजना से न सिर्फ आरडब्ल्यूए और सामाजिक संगठनों को सशक्त किया जाएगा, बल्कि शहर के सम्मानित नागरिक भी पर्यावरण संरक्षण की इस मुहिम में भागीदार बनेंगे। हरित मित्र समय-समय पर पार्कों में चल रहे कार्यों की निगरानी कर फीडबैक देंगे, जिससे जीडीए को कार्यों की गुणवत्ता और प्रभाव पर सीधा इनपुट मिल सकेगा। प्राधिकरण का यह कदम शहर को हरियाली से भरपूर, आधुनिक और सहभागिता आधारित शहरी वातावरण की दिशा में ले जाएगा। “हरित मित्र” और “आइकोनिक पार्क” जैसी शरुआत न केवल पर्यावरण संरक्षण को बल देंगी, बल्कि नागरिक सहभागिता को भी नई ऊंचाई देंगी।
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