GDA: डंपिंग ग्राउंड के लिए निगम ने मांगी 40 एकड़ जमीन

GDA: गाजियाबाद। नगर निगम विभिन्न माध्यमों से प्राप्त होने वाली शिकायतों को अधिकारी गंभीरता से निस्तारण करें। साथ ही फरियादियों की शिकायतों का निपटारा गुणवत्तापूर्ण ढंग से किया जाए। किसी भी शिकायत के निस्तारण में लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगी। संभव जनसुनवाई के अलावा अन्य दिनों में मिलने वाली शिकायतों का तत्काल निस्तारण किया जाए और उसका फीडबैक भी लिया जाए। उक्त बातें मंगलवार को निगम सभागार में आयोजित संभव जनसुनवाई में फरियादियों की शिकायतों के सुनते हुए नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने कहीं।

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संभव जनसुनवाई में 10 संदर्भ प्राप्त हुए, जिनमें विजयनगर, संजय नगर, दीनदयालपुरी नन्दग्राम, वैशाली, चिरंजीव विहार आदि की अतिक्रमण, स्ट्रीट लाईट, जल भराव, साफ-सफाई, टैक्स, सड़क निर्माण सहित अधिकांश समस्याएं स्वास्थ्य विभाग व जलकल विभाग से संबंधित प्राप्त हुई। नगर आयुक्त ने शिकायतों को सुनकर संबंधित विभागीय अधिकारियों को शिकायतों पर गंभीरता से गुणवत्तापूर्वक निवारण करने एवं तत्काल जन-शिकायतों को निस्तारित करने निर्देश दिए।
नगर आयुक्त ने कहा समस्याओं के समाधान में विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जन सामान्य की शिकायतों का निराकरण सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में एक है। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही न बरती जाए। जिन शिकायतों का निस्तारण अधीनस्थ कर्मचारियों एवं अधिकारियों द्वारा किया जाए उसके निस्तारण से पूर्व एक बार निस्तारण की गुणवत्ता जरूर चेक कर लें।
इस दौरान संयुक्त नगर आयुक्त ओमप्रकाश, सहायक नगर आयुक्त पल्लवी सिंह, चीफ इंजीनियर एनके चौधरी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा, कार्यवाहक प्रकाश प्रभारी आश कुमार, उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज कुमार सिंह अधिकारी मौजूद रहे।

शहर से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण करने के लिए नगर निगम ने अब डंपिंग ग्राउंड के लिए 40 एकड़ जमीन मांगी है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने जिलाधिकारी एवं जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह को डंपिंग ग्राउंड के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा है। डंपिंग ग्राउंड के लिए 40 जमीन चाहिए। नगर आयुक्त ने जारी किए पत्र में अवगत कराया कि शहर से रोजाना लगभग 1400 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। शहर में डंपिंग ग्राउंड नहीं होने की वजह से वैज्ञानिक पद्धति से कूड़ा निस्तारण करने में परेशानी आ रही है। कूड़े को वैज्ञानिक पद्धति से निस्तारण के लिए वर्ष-2018 में हापुड़ जनपद के पिलखुवा के पास गांव गालंद में 42.25 एकड़ जमीन पर वेस्ट टू-एनर्जी प्लांट बनाने के लिए नीदरलैंड की मैसर्स जीसी इंटरनेशनल कंपनी और प्रदेश सरकार के बीच एमओयू साइन हुआ था। लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते जमीन की बाउंड्रीवाल का काम शुरू नहीं होने दिया जा रहा है। ऐसे में अवगत कराया कि ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन को लेकर एक मामला सुप्रीम कोर्ट और चार वाद एनजीटी में लंबित है। वर्तमान में मैसर्स जीरोन फर्म द्वारा मुरादनगर पाइपलाइन रोड पर कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है।

इंदिरापुरम कॉलोनी जीडीए के अधीन है। उसका कूड़ा निस्तारण भी निगम को करना पड़ रहा है। जीडीए ने मास्टर प्लान में भी ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन और कूड़े निस्तारण के लिए भूमि का प्रावधान नहीं किया। ऐसे में पर्याप्त भूमि उपलब्ध कराने में जीडीए का सहयोग आवश्यक है।

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