हाल के महीनों में कई घटनाएं दर्ज की गई हैं। नवंबर 2025 में ग्रेटर नोएडा की एसडीएस एनआरआई सोसायटी में लिफ्ट टॉप फ्लोर से सीधे ग्राउंड पर गिर गई, जिससे बड़ा हादसा टल गया। हाल के दिनों में एक मूर्ति पर स्तिथ चेरी काउंटी जो नामी गिरामी सोसाइटी में दर्ज होती है अब वहाँ लिफ्ट की समस्या आम हो गई है। अगस्त 2025 में सुपरटेक ईकोविलेज-1 के एक टावर में लिफ्ट कई दिनों तक खराब रही, जबकि एम्स ग्रीन एवेन्यू सोसायटी में लिफ्ट बेसमेंट में गिरने की घटना हुई। मई 2025 में ला रेजिडेंसिया सोसायटी में दोनों लिफ्टें एक साथ खराब हो गईं, जिससे 22 मंजिला टावर के निवासी सीढ़ियों के भरोसे रह गए। फ्यूजन होम्स और आस्था ग्रीन जैसी सोसायटियों में भी बच्चियां और महिलाएं लिफ्ट में फंसने की शिकार हुईं।
निवासियों का आरोप है कि बिल्डर और मेंटेनेंस एजेंसियां लापरवाही बरत रही हैं। कई सोसायटियों में लिफ्ट का नियमित रखरखाव नहीं होता, इमरजेंसी अलार्म काम नहीं करते और रिपेयर में देरी की जाती है। कुछ मामलों में निवासियों ने प्रदर्शन भी किए, लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकला। उत्तर प्रदेश लिफ्ट एक्ट 2024 लागू होने के बावजूद हादसे नहीं थम रहे। जिला प्रशासन ने सोसायटियों को लिफ्ट रजिस्टर करने की चेतावनी दी है, लेकिन जमीनी स्तर पर अमल कम दिख रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि गौतम बुद्ध नगर के विधायक और सांसद इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं दिखा रहे। शिकायतों के बावजूद बड़े स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोग सोशल मीडिया और प्राधिकरण से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि हाईराइज सोसायटियों में लिफ्ट सेफ्टी के लिए सख्त निगरानी और नियमित ऑडिट जरूरी है। निवासियों की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। उम्मीद है कि प्रशासन और स्थानीय नेता जल्द इस पर ध्यान देंगे, ताकि नामी सोसायटियों में रहना फिर से सुविधाजनक हो सके।

