जी20 शिखर सम्मेलन, ट्रंप के बहिष्कार के साए में शुरू

G20 Summit News: दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने शनिवार को जोहान्सबर्ग में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन भाषण में कहा कि उनका देश इस समूह की अखंडता और प्रतिष्ठा को संरक्षित रखने का प्रयास करता रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैश्विक दक्षिण और अफ्रीकी महाद्वीप के विकास प्राथमिकताओं को जी20 की कार्यसूची में स्थान मिलना चाहिए। यह अफ्रीका में होने वाला पहला जी20 शिखर सम्मेलन है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बहिष्कार के साए में शुरू हुआ।

रामफोसा ने कहा, “जी20 बहुपक्षीयता की प्रासंगिकता को रेखांकित करता है।” उनके प्रवक्ता ने पुष्टि की कि अमेरिकी बहिष्कार के बावजूद, नेताओं ने एक संयुक्त घोषणा-पत्र को अपनाने पर “भारी सहमति” जताई है। यह घोषणा-पत्र जलवायु आपदाओं से प्रभावित गरीब देशों को सहायता, विदेशी ऋण बोझ कम करना, हरित ऊर्जा संक्रमण और महत्वपूर्ण खनिज संसाधनों का उपयोग जैसे मुद्दों पर केंद्रित है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शिखर सम्मेलन से पहले कहा, “जी20 राष्ट्रों के पास पीड़ा कम करने और दुनिया को शांतिपूर्ण दिशा में ले जाने की अपार क्षमता है। अब नेतृत्व और दृष्टि का समय है।” उन्होंने संघर्ष, जलवायु अराजकता, आर्थिक अनिश्चितता, असमानता और वैश्विक सहायता में कमी जैसे मुद्दों का जिक्र किया।

पीएम मोदी का आगमन और स्वागत
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार दोपहर जी20 शिखर सम्मेलन स्थल जोहान्सबर्ग एक्सपो सेंटर पहुंचे। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा ने उन्हें नमस्ते के साथ गर्मजोशी से स्वागत किया, जो भारत-दक्षिण अफ्रीका मित्रता का प्रतीक बना।

एयरपोर्ट पर सांस्कृतिक दल ने मोदी का स्वागत किया, जो दोनों देशों के लंबे ऐतिहासिक संबंधों को उजागर कर रहा है।
मोदी ने पहले ही भारतीय समुदाय के सदस्यों और दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीय मूल के तकनीकी उद्यमियों से मुलाकात की। उन्होंने फिनटेक, सोशल मीडिया, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और चिकित्सा उपकरण जैसे क्षेत्रों में उनके कार्यों की सराहना की और भारत के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने योग और आयुर्वेद जैसी भारतीय संस्कृति को लोकप्रिय बनाने का सुझाव दिया।

शिखर सम्मेलन के पहले सत्र ‘समावेशी और सतत विकास’ पर बोलते हुए मोदी ने कहा, “अफ्रीका में पहली बार हो रहे जी20 के साथ, विकास मापदंडों पर पुनर्विचार का सही समय है। भारत के सभ्यतागत मूल्य, विशेष रूप से समग्र मानवतावाद का सिद्धांत, आगे का रास्ता दिखाता है।” उन्होंने तीन नई पहलें प्रस्तुत कीं:

• वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार: प्राचीन ज्ञान को संरक्षित करने के लिए।
• जी20-अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर इनिशिएटिव: अफ्रीकी युवाओं के लिए कौशल विकास।
• जी20 इनिशिएटिव ऑन काउंटरिंग द ड्रग-टेरर नेक्सस: नशीले पदार्थों और आतंकवाद के बीच संबंध तोड़ने के लिए वित्तीय, शासन और सुरक्षा उपाय।

मोदी ने द्विपक्षीय बैठकों में इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज से मुलाकात की। उन्होंने नास्पर्स के नेताओं के साथ भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को विस्तार देने पर चर्चा की।

प्रमुख वैश्विक मुद्दे और अनुपस्थितियां
शिखर सम्मेलन सोवेटो टाउनशिप के पास नासरेक एक्सपो सेंटर में हो रहा है, जो नेल्सन मंडेला का घर था। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीयर स्टार्मर से मुलाकात की और यूक्रेन पर चर्चा की। ब्रिटिश सरकार ने कहा कि जी20 के हाशिए में यूक्रेन के साझेदार पूर्ण युद्धविराम सुनिश्चित करने पर बैठक करेंगे।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनुपस्थिति में चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने भाग लिया। अमेरिकी बहिष्कार को दक्षिण अफ्रीका ने “व्यापार और जलवायु कार्रवाई पर वैश्विक सहयोग” के एजेंडे से असहमति बताया। यूएस स्टेट सेक्रेटरी मार्को रुबियो ने पहले विदेश मंत्रियों की बैठक का बहिष्कार किया था।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन और अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष जोआओ लोरेन्को जैसे नेता उपस्थित हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर का स्वागत उपराष्ट्रपति पॉल मशाटिले ने किया।

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने शिखर सम्मेलन में संबोधन दिया, जहां बहुपक्षीयता और मानवता के खतरों पर जोर दिया गया।

एजेंडा
शिखर सम्मेलन गरीब देशों की समस्याओं—जैसे जलवायु आपदाओं से पुनर्वास, ऋण राहत, हरित ऊर्जा और खनिज संसाधनों का उपयोग—पर सहमति बनाने पर केंद्रित है। गुटेरेस ने सैन्य खर्च बढ़ने से विकास संसाधनों के ह्रास का जिक्र किया।

दक्षिण अफ्रीका ने अफ्रीका के विकास को प्राथमिकता दी है, जो संयुक्त राष्ट्र के 2030 एजेंडे से जुड़ा है।
यह दो दिवसीय शिखर सम्मेलन 23 नवंबर को समाप्त होगा। भारत 2026 में मेजबानी करेगा।

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