जी-20 सम्मेलनः पीएम ने काम करने की असीम उर्जा का दिया मंत्र

वाराणसी में जी-20 सम्मेलन के लिए आगाज हो चुका है। पीएम मोदी भी कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े। उन्होंने 20 देशों से आए 200 से ज्यादा विदेशी मेहमानों का गर्मजोशी स्वागत किया। पीएम ने काशी का ऊर्जा का जिक्र करते हुए कहा- मुझे खुशी है कि जी-20 के विकास का एजेंडा काशी तक भी पहुंच गया। प्रधानमंत्री ने कहा- काशी सदियों से ज्ञान, चर्चा, संस्कृति और अध्यात्म का केंद्र रहा है। काशी की स्पिरिट टीम भावना भारत को टाइमलेस काम करने की ऊर्जा प्रदान करती है। इसमें भारत की विविध विरासत का सार है। यह देश के सभी हिस्सों के लोगों के लिए कनवर्जन प्वाइंट की तरह से काम करता है। मैं काशी का सांसद हूं, इसलिए ऐसा नहीं कह रहा हूं। काशी की गंगा आरती, सारनाथ प्रेरित करती हैं।

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पीएम मोदी ने आगे कहा, दुनिया की सबसे प्राचीन जिंदा शहर वाराणसी डेमोक्रेसी का जन्मदाता के रूप में जाना जाता है। काशी ज्ञान का केंद्र है। डिस्कशन, डिबेट, कल्चर और आध्यात्मिकता सब कुछ यहां सैकड़ों साल से हैं।पीएम ने कहा, डिजिटलीकरण की दुनिया में भारत ने एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है। जहां प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल लोगों को सशक्त बनाने में किया जा रहा है। उन्होंने कहा, मैं मजबूती से विश्वास करता हूं कि विकास को बनाकर रखना हमारा सामूहिक जिम्मेदारी है। सस्टनेबल डेवलपमेंट के लिए हम एक साथ काम करें। कोई भी देश पीछे न रहे। भारत अपने एक्सपीरियंस साझा करेगा। हम भारत में नदियों और पेड़ों का सम्मान और पूजा करते हैं। हमारे प्रयास व्यापक, समावेशी, निष्पक्ष और सस्टनेबल होने चाहिए।

 

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