new delhi news दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नीरज बवाना-अमित भूरा गैंग के भगोड़े शार्प शूटर को गिरफ्तार किया। पुलिस उपायुक्त क्राइम ब्रांच दिल्ली , आदित्य गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि फरार गैंगस्टर ,पूर्व पहलवान मंजीत दलाल उर्फ मंगल निवासी बहादुरगढ़ हरियाणा को सिंघु बॉर्डर इलाके से गिरफ्तार किया गया है ।यह नीरज बवाना, नवीन बाली, नवीन भांजा, अमित भूरा, राहुल काला और सुबेग उर्फ शिब्बू समेत टॉप गैंगस्टर्स का सहयोगी है । पुलिस टीमों पर फायरिंग, माफिया जबरन वसूली के लिए फायरिंग, डकैती, हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट समेत 10 सनसनीखेज मामलों में शामिल रहा है । वह दिल्ली की अलग-अलग अदालतों में आर्म्स एक्ट और 2018 में लाजपत नगर में पिशोरी रेस्टोरेंट पर फायरिंग समेत तीन मामलों में वांछित है । उसने सुशील पहलवान से प्रेरित होकर पहलवान के तौर पर करियर की शुरूआत की, राज्य/राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते। राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक विजेता पहलवान है। डीसीपी ने बताया कि आरोपी को पकडने में इंस्पेक्टर सतीश मलिक के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की दक्षिणी रेंज की टीम जिसमें इंस्पेक्टर विनय कुमार, एसआई अनुराग त्यागी, एएसआई अशोक दहिया, एएसआई नरेंद्र मलिक, एएसआई कुलदीप सिंह, एचसी सूर्या, एचसी राजीव सहरावत, एचसी अजय, एचसी विक्रम, सीटी प्रतीक और डब्ल्यू सीटी रेणु शामिल थे।
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-आरोपी ने पूछताछ में किया खुलासा
पूछताछ में आरोपी मंजीत दलाल उर्फ मंगल ने बताया कि वह हरियाणा के झज्जर जिले से ताल्लुक रखता है। उसने बचपन में ही कुश्ती शुरू कर दी थी और राज्य और राष्ट्रीय स्तर की कुश्ती प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते। वह 2007 में 86 किलोग्राम वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक विजेता भी था। 2010 में उसकी मां की कैंसर से मौत हो गई और उसके पिता घर छोड़कर चले गए। बाद में उसका भाई भी जिला रोहतक में अपने रिश्तेदारों के पास चला गया। इस दौरान कुख्यात गैंगस्टर नीरज बवाना अक्सर उसके गांव आता-जाता था और प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर करतार की हत्या के लिए स्थानीय समर्थन की तलाश में था। नीरज बवाना ने मंजीत दलाल में एक मौका देखा और उसे अपने गिरोह में शामिल होने का लालच दिया। अपनी मां की मौत के बाद, मंजीत दलाल अपने कुश्ती करियर को जारी रखने में असमर्थ था और इस तरह नीरज बवाना गैंग में शामिल हो गया, माफिया जबरन वसूली, हत्या का प्रयास, शस्त्र अधिनियम का उल्लंघन और कार चोरी सहित कई सनसनीखेज मामलों में शामिल हो गया। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए दो बार इनाम भी घोषित किया था, क्योंकि उसे तमाम कोशिशों के बावजूद गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। वर्ष 2012 में, वह व्यापारियों पर जबरन वसूली के प्रयासों में शामिल था। 2017 में मंजीत दलाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर अमित भूरा के कहने पर यूपी के एक डॉक्टर से भी 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी और बाद में उसे गैंग लीडर और सह-गैंगस्टरों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
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