महिला सुरक्षा से अपराध नियंत्रण तकः आईपीएस लक्ष्मी सिंह के नेतृत्व में बदली नोएडा-ग्रेटर नोएडा की कानून व्यवस्था

Noida Police Commissioner: गौतमबुद्धनगर यानी नोएडा-ग्रेटर नोएडा की पुलिस कमिश्नर आईपीएस लक्ष्मी सिंह ने पिछले एक साल में जिले की कानून-व्यवस्था, सार्वजनिक सुरक्षा और प्रशासनिक दक्षता के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। संगठित अपराध पर अंकुश तो लगा ही है, पुलिस के व्यवहार को भी जनता के अनुकूल बनाया गया है। पुलिस कमिश्नर के नेतृत्व में यह जिला न सिर्फ अपराध नियंत्रण के प्रयासों में बल्कि नागरिकों के अनुभव और विश्वास में भी सकारात्मक बदलाव की दिशा में आगे बढ़ा है। चलिए जानते है लक्ष्मी सिंह के ठोस कदम कैसे ला रहे रंग…

प्रशासनिक फेरबदल और जवाबदेही
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कानून व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल किए। उन्होंने 8 आईपीएस अधिकारियों के तबादले और जिम्मेदारियों के पुनः आवंटन जैसे कदम उठाए, ताकि बेहतर समन्वय, जिम्मेदारी बंटवारा और स्थानीय सुरक्षा प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके। कमिश्नर ने स्पष्ट कहा कि कानून के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा और अपराध नियंत्रण उनकी पहली प्राथमिकता है। इनके अलावा संगठित तरीके से अपराध करने वालों की कमर तोड़ दी।

कार्यक्षमता और जवाबदेही
लक्ष्मी सिंह ने कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई चैकी प्रभारियों और एसीपी को निलंबित-स्पष्टीकरण के लिए बुलाया। इससे पुलिस बल में जवाबदेही और अनुशासन मजबूत हुआ है। इसके अलावा, कमिश्नरेट के 11 थाना प्रभारियों को नए प्रभारी के रूप में तैनात किया गया, ताकि कानून-व्यवस्था की निगरानी और फील्ड में सतर्कता बढ़े।

महिला सुरक्षा को प्राथमिकता
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पुलिस कमिश्नर ने पिंक पुलिस बूथ जैसे विशिष्ट प्रयास शुरू किए। ये बूथ महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने, तुरंत सहायता उपलब्ध कराने और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में आत्मविश्वास और रिपोर्टिंग क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं।

अभियान और कानून लागू करना
लक्ष्मी सिंह के निर्देशन में पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर खुले में शराब पीने के खिलाफ “ऑपरेशन स्ट्रीट सेफ” जैसे अभियान चलाए, जिसमें करीब 786 लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई। इससे सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक नियमों के पालन में उच्च स्तर का संदेश गया।

अपराधियों और हिंसा-प्रवण तत्वों पर नियंत्रण
कमिश्नर के नेतृत्व में कई सख्त कार्रवाईयां भी की गईं, जिसमें माफिया तत्वों और कुख्यात अपराधियों के खिलाफ छापेमारी और संपत्ति कुर्की जैसे बड़े कदम शामिल रहे। इससे उन अपराधिक नेटवर्क के खिलाफ साफ संदेश गया कि गौतमबुद्ध नगर में अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कई मामलों में ऐसा देखने को मिला है।

पुलिसिंग में सुधार
लक्ष्मी सिंह ने पुलिस स्टेशनों की सीमांकन करने का निर्णय लिया है, जिससे थाना क्षेत्रों की सीमा और कार्यभार का पुनर्गठन हो सके और अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में कुशल समन्वय व निगरानी सुनिश्चित हो। पिछले एक साल में उठाए गए इन कदमों का प्रभाव न केवल कानून-व्यवस्था के स्तर पर बल्कि जनता की धारणा में भी दिखा है। प्रशासनिक जवाबदेही से पुलिस बल की कार्यक्षमता बढ़ी है। सख्त कार्रवाई से सार्वजनिक नियमों के उल्लंघन में कमी का संदेश गया है। महिला सुरक्षा और जागरूकता केंद्रों के कारण महिलाएं अब अधिक सहज होकर पुलिस से संपर्क कर रही हैं। बड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई से अपराधियों में सतर्कता आई है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो कमिश्नर लक्ष्मी सिंह की प्रो-एक्टिव, प्रशासनिक और सार्वजनिक-मरीज संवाद की शैली ने गौतमबुद्ध नगर को उत्तर प्रदेश के उन जिलों में बनाया है जहां पुलिसिंग व्यवस्थाओं में सकारात्मक दिशा में बदलाव दर्ज किया गया है।

 

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