फर्जी आदेश बना जालसाज ने 19 बार ली पुलिस सुरक्षा
भाजपा का बड़ा पदाधिकारी और कभी किसी आयोग का सदस्य लिखकर अफसरों को दे रहा था धोखा
Ghaziabad news : पुलिस और प्रशासन के अफसर तीन साल तक फर्जी आदेश पर एक जालसाज को पुलिस सुरक्षा देते रहे। वह खुद को कभी भाजपा का बड़ा पदाधिकारी और कभी किसी आयोग का सदस्य लिखकर डीएम और एसएसपी दफ्तर में ई-मेल कर देता और इसी पर उसे वीआईपी बनकर घूमने के लिए गनर मुहैया करा दिया जाता।मूल रूप से अयोध्या के रहने वाले अनूप चौधरी नाम के इस शख्स की जालसाजी और गाजियाबाद के अफसरों की लापरवाही का खुलासा तब हुआ जब दो दिन पहले 23 अक्तूबर को अयोध्या में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने उसे करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर लिया।
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गाजियाबाद पुलिस की वीआईपी सेल प्रभारी मयंक अरोड़ा की ओर से उसके खिलाफ बुधवार को फर्जी आदेश बनाकर पुलिस सुरक्षा लेने की एफआईआर दर्ज कराई गई है। इसमें धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि उसने डीएम और एसएसपी दफ्तर की ई-मेल आईडी पर पहली बार फर्जी आदेश 18 अक्तूबर 2020 को भेजा था। आदेश जारी हुआ कि अनूप चौधरी के भ्रमण कार्यक्रम के दौरान पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई जाए। एक बार अफसर झांसे में आए तो उसका दुस्साहस बढ़ गया। वह हर दूसरे-तीसरे महीने इसी तरह का फर्जी आदेश ई-मेल से भेजने लगा और उसे सुरक्षा मिलने लगी। उसने नौ बार खुद को भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा, महाराष्ट्र का प्रभारी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य लिखते हुए ई-मेल किया था। इसे तसदीक कराए बगैर ही सुरक्षा मुहैया करा दी गई। उसने आठ बार रेलवे बोर्ड और फिल्म विकास परिषद का सदस्य बताते हुए और दो बार भारतीय खाद्य निगम और फिल्म विकास परिषद का सदस्य बताते हुए ई-मेल से सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश भेजा। सभी आदेश उसके ओएसडी की ओर से बताए जाते थे।
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सुरक्षा में लगा हेड कांस्टेबल निलंबित
एसटीएफ को अयोध्या में अनूप चौधरी के साथ गाड़ी में हेड कांस्टेबल पवन कुमार भी मिला। पूछताछ में कांस्टेबल ने बताया कि उसे अनूप की सुरक्षा में लगाया गया है। एसटीएफ ने गाजियाबाद पुलिस से संपर्क किया तो जानकारी मिली कि अनूप की सुरक्षा में पवन को 11 जुलाई से 15 सितंबर 2023 तक के लिए लगाया गया था। इसके बाद वह बगैर आदेश के ही उसके साथ रहा था। इतना ही नहीं, आदेश केवल गाजियाबाद तक के लिए सीमित था, लेकिन वह जिले के बाहर भी उसके साथ चल रहा था। इसका पता चलने पर डीसीपी नगर निपुण अग्रवाल ने उसे निलंबित कर दिया।
क्या कहते हैं पुलिस आयुक्त
पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने बताया कि अनूप चौधरी ने फर्जी आदेश के माध्यम से पुलिस सुरक्षा ली। उसके खिलाफ केस दर्ज करा दिया गया है। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इसमें मालूम किया जाएगा कि जालसाजी में उसके साथ और कौन लोग हैं।
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