Fraud Gang: ये गिरोह है जो कई सौ रुपये देकर करोड़ो का लगाते था फटका
Fraud Gang: पुलिस ने ऐसे गिरोह का पर्दाफास किया है जो लोगों को कई सौ रुपये दिखाकर करोड़ों का फटका देते थे। इसका मतलब ये हुआ कि नोटों की गड्डियों के बीच कागज लगाकर देते थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लोग करोड़ों रुपये लेकर घूम रहे है।
इस बाबत ग्रेटर नोएडा जोन एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि रविवार रात दनकौर थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह की टीम को सूचना मिली कि कुछ लोग बड़ी रकम लेकर क्षेत्र में घूम रहे हैं और लोगों से संपर्क कर रहे हैं। पुलिस ने सलारपुर अंडरपास के नजदीक दो लोगों को संदेह होने पर बुलाया तो वह पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस ने पीछा कर दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। आरोपियों की पहचान विशाल व मोबिन के रूप में हुई। आरोपियों की निशानदेही पर उपेन्द्र सिंह को भी गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह अपने के गैंग के सरगना डीके के इशारे पर छोटी कंपनियों व एनजीओ को ठगी का शिकार बनाते हैं। आरोपी 10 फीसदी असली नोटों का कमीशन लेकर कागज की गड्डी थमाकर फरार हो जाते हैं।
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एडीसीपी ने बताया कि आरोपी गूगल पर एनजीओ व छोटी कंपनियों के नाम निकालते और फिर उन्हें कॉल करके निशाना बनाते थे। आरोपियों ने बताया कि वे एक संगठन चलाते हैं। उनका संपर्क बड़ी कंपनी और अमीर लोगों से है, जो एनजीओ में चंदा व दान देकर लोगों की मदद करना चाहते हैं। आरोपी असली नोटों के बीच कागज व फोटो स्टेट वाली गड्डी लगाकर लोहे के बक्सों में मोटी रकम ले जाकर उन्हें दिखाते थे। आरोपी मोटी रकम एनजीओ व कंपनी को देने के नाम पर 10 फीसदी कमीशन की मांग करते थे। इसके बाद आरोपी कमीशन लेने के बाद कागज की गड्डियां थमाकर फरार हो जाते थे।
दर्जनों लोगों को बनाया ठगी का शिकार
पुलिस का कहना है कि इस मामले में किसी पीड़ित ने केस दर्ज नहीं कराया था। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि आरोपी कब से गिरोह चला रहे थे और किन लोगों को ठगी का शिकार बना चुके थे। मुख्य आरोपी परवेज उर्फ डीके की गिरफ्तारी से पूरे मामले का खुलासा होगा।
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पुलिस को आरोपियों ने बताया कि अगेन कंपनी गो को मोटी रकम निवेश करने का उनसे 10 फीसदी कमीशन लेने की बात करते थे। इसके लिए कागज की गड्डी में ऊपर नीचे असली नोट दिखाकर मोटी रकम उनके सामने रख देते थे। इसके बाद कमिशन का 10 फीसदी लेकर फरार हो जाते थे। पीड़ितों को बाद में पता चलता था के आरोपी जो पैसा देकर गए हैं उनमें अंदर कागज के टुकड़े है।