नोएडा। फेडेरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (FONRWA ) के चुनावों में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। फोनरवा को माना जाता है कि सभी आरडब्ल्यूए की समस्याओं का निष्पक्ष रूप से निस्तारण करने में अहम भूमिका होती है। यह एक गैर रानीतिक संगठन है। जिसका किसी राजनीतिक पार्टी से कोई सरोकार नही है। मगर जिस जरह से मौजूदा अध्यक्ष योगेन्द्र शार्मा ने सपा का दामन थाम कर लाल टोपी पहनी उसका खामियाजा उन्हें इस चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। अब निवर्तमान वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव गर्ग अध्यक्ष पद के लिए मैदान में होंगे। अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर उन्होंने सभी को चैंका दिया है। ऐसा इसलिए हुआ है कि करीब 13 साल तक फोनरवा के अध्यक्ष रहे एनपी सिंह ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। 19 नवंबर को प्रस्तावित फोनरवा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं।
यह भी पढ़े : Nithari Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसला आते ही 3 साल के बच्चे के पिता ने बरसाई ईटें
FONRWA Election
बता इें कि आने वाली 22 अक्टूबर को फोनरवा कार्यालय में एजीएम बैठक बुलाई गई है। इसमें निवर्तमान अध्यक्ष को भी घेरने की तैयारी विपक्षी पैनल की है। एजीएम में इस बार भी हंगामा के आसार दिख रहे हैं। फोनरवा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव गर्ग और ओपी यादव का कहना है कि पहली बार योगेन्द्र शर्मा ये कह कर आए थे कि दो वर्ष बाद वह अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे। कोरोना आने के कारण उन्होने एक मौका और मांगा। राजीव गर्ग ने बताया कि कमेटी से उनका नाम अध्यक्ष पद के लिए स्वीकृत हुआ है। उधर, महासचिव के लिए जेपी उप्पल का नाम तय किया गया है। जेपी उप्पल पंजाबी समाज के अध्यक्ष भी इसी साल बनाए गए हैं। इस मामले में फोनरवा अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा भी पलटवार कर रहे है। उनका कहना है कि चुनाव के दौरान इस तरह के आरोप गलत हैं। मैने कोई समय सीमा बढ़ाने की बात नहीं की। राजीव गर्ग खुद भी कई सालों से एक ही पद पर जमे हैं। संगठन सबसे ऊपर है जो वह तय करेगा। वही फैसला मान्य होगा। फोनरवा महासचिव केके जैन ने उनके इस बयान पर अपनी सहमति दी है।
यह भी पढ़े : Nithari Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट फैसला आते ही 3 साल के बच्चे के पिता ने बरसाई ईटें
वहीं, इस मसमलें में फोनरवा उपाध्यक्ष पवन यादव ने कहा, फोनरवा टीम में हर बार पदों में बदलाव होना चाहिए। कोई भी पदाधिकारी एक बड़े पद पर बार-बार चुनाव नहीं लड़े। वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओपी यादव कभी योगेन्द्र शर्मा के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते थे, लेकिन अब विरोधी खेमे के साथ हैं। पूर्व उपाध्यक्ष सतपाल यादव भी पूरी तरीके से खुलकर राजीव गर्ग का समर्थन और प्रचार कर रहे हैं। फोनरवा के पूर्व मुख्य सलाहकार व सेक्टर-99 के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष रिषिपाल अवाना के साथ साथ वरिष्ठ लोग भी इस बार फोनरवा की वर्तमान टीम के खिलाफ है।
धीरे धीरे बढ रही सक्रियता
फोनरवा अध्यक्ष अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा पिछले दिनों कई सेक्टरों में जाकर समस्याओं के बारे में जानकारी ले चुके हैं। वहीं, विपक्ष का पैनल भी आंतरिक तौर पर आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों से संपर्क कर रहा है।