मैथिली ठाकुर, जो मात्र 25 वर्ष की हैं, ने चुनावी राजनीति में कदम रखा है। उन्होंने चुनाव से महज एक महीने पहले भाजपा का दामन थामा था, ताकि ‘बिहार की सेवा’ कर सकें। दिल्ली विश्वविद्यालय के आत्मा राम सनातन धर्म कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने वाली ठाकुर मैथिली, हिंदी और भोजपुरी गीतों के लिए देशभर में जानी जाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनकी प्रशंसा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उनकी मौजूदगी ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई। इस बार भाजपा ने उनकी लोकप्रियता का फायदा उठाते हुए उन्हें अलीनगर से टिकट दिया, जो दरभंगा जिले की एक सामान्य श्रेणी की सीट है।
अलीनगर, जो परंपरागत रूप से आरजेडी का गढ़ माना जाता रहा है—2008 में सीट बनने के बाद से यहां दो बार आरजेडी की जीत हुई है—इस बार सांस्कृतिक अपील और युवा ऊर्जा के दम पर बदलाव की ओर बढ़ रही है। ठाकुर ने अपनी रैली में वादा किया था कि अगर वे जीतती हैं, तो सीट का नाम ‘सीतानगर’ रखा जाएगा, जो मिथिला क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा के गोपाल जी ठाकुर ने यहां 9,842 वोटों से बढ़त बनाई थी, जो इस बार की जीत का आधार बनी।
नतीजे आने पर मैथिली ठाकुर ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह सपने जैसा लग रहा है। लोगों ने मुझ पर बहुत सारी उम्मीदें लगाई हैं… यह मेरा पहला कार्यकाल विधायक के रूप में होगा, और मैं अपनी विधानसभा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगी… मैं अपनी जनता की सेवा अपनी बेटी की तरह करूंगी… अभी मैं केवल अलीनगर को ही देख पा रही हूं और उनके लिए कैसे काम करूं, यह सोच रही हूं।” ठाकुर ने एनडीटीवी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि जीत-हार का विचार उनके मन में नहीं है, बल्कि सेवा का संकल्प है।
उनके खिलाफ आरजेडी के 63 वर्षीय दिग्गज बिनोद मिश्रा हैं, जो 2020 में उपविजेता रहे थे। जन सुराज पार्टी के बिप्लव कुमार चौधरी और आम आदमी पार्टी के राजीपाल झा भी मैदान में हैं, लेकिन शुरुआती रुझानों में वे पीछे हैं। कुल मतदान 60.18 प्रतिशत रहा, जो 2020 के 57.4 प्रतिशत से बेहतर है। ठाकुर के हलफनामे के अनुसार, उनकी संपत्ति करीब 4 करोड़ रुपये है, जिसमें 53 लाख का सोना और म्यूचुअल फंड निवेश शामिल हैं। उनकी आय पिछले पांच वर्षों में दोगुनी से अधिक हो चुकी है।
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर भी ठाकुर की बढ़त चर्चा का विषय बनी हुई है। एक यूजर ने लिखा, “मैथिली ठाकुर ने डेब्यू में ही धमाल मचा दिया। बिहार की बेटी ने कर दिखाया!” वहीं, कुछ ने उनकी जीत को भावनात्मक अपील से जोड़ा। भाजपा के लिए यह जीत मिथिलांचल में युवा और महिला वोटरों की पकड़ मजबूत करने का संकेत देती है।
अगर यह बढ़त बनी रही, तो मैथिली ठाकुर न केवल अलीनगर की पहली भाजपा विधायक बनेंगी, बल्कि बिहार की सबसे युवा विधायकों में शुमार होंगी। बिहार चुनाव के अन्य नतीजों पर नजरें टिकी हैं, जहां एनडीए को बहुमत की ओर बढ़ते कदम दिख रहे हैं।

