meerut news हस्तिनापुर क्षेत्र के खादर इलाके में आई बाढ़ ने 12 से अधिक गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। लतीफपुर, भीकुंड सहित प्रभावित गांवों में करीब 12 हजार से ज्यादा लोग दिक्कतों से जूझ रहे हैं। घरों के बाहर तीन फीट तक पानी भरा हुआ है, जिसके साथ सांप-बिच्छू भी घरों में घुस आते हैं। लोग पूरी रात खौफ में गुजार रहे हैं और कई परिवारों के पास खाने-पीने का सामान तक नहीं है।
लतीफपुर गांव के चरण सिंह ने बताया कि जिनके मकान जर्जर हैं, उन्हें हर समय गिरने का डर लगा रहता है। गांव के स्कूल बंद हैं और प्रशासन ने बाढ़ राहत के लिए कंट्रोल रूम और चौकियां बनाई हैं, लेकिन हालात अब भी गंभीर हैं। मीडिया जब लतीफपुर पहुंची तो मुख्य सड़क पर घुटनों तक पानी बह रहा था। खेत पूरी तरह डूबे हुए थे। गांव की अनीता ने बताया कि घरों में पानी भर गया है और खेतों में काम ठप हो गया है। राशन लाने के लिए भी पानी के बीच होकर गांव से बाहर जाना पड़ता है। उनके मुताबिक, न माता-पिता हैं, न कोई सहारा, और मदद भी नहीं मिल रही। किसान सतनाम ने बताया कि बाढ़ में खेत और फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। दो दिन पहले उन्होंने पशुओं को ऊंची जगह पर बांध दिया और कुछ परिवार के लोगों को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया है। पानी उतरने के बाद ही वे वापस आएंगे। गांव के करनाल सिंह ने कहा कि पिछले चार दिनों से हालात जस के तस हैं। बच्चों के स्कूल बंद हैं, बिजली काट दी गई है और पीने का पानी तक नहीं है। मोमबत्तियों के सहारे रातें गुजर रही हैं। मनदीप कौर का कहना है कि अफसर तो दूर, प्रधान तक हाल जानने नहीं आया। ऊंचे घर में होने से पानी से बच गए, लेकिन खाने का संकट सबसे बड़ी समस्या है।

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