‘पहले प्यार हुआ, फिर…’: गुरमीत चौधरी-देबिना बनर्जी ने 19 साल की उम्र में गुपचुए तरीके से की थी शादी; युवा जोड़ों को क्या जानना चाहिए

Gurmeet Choudhary-Debina Bonnerjee/Bollywood News: टीवी के लोकप्रिय जोड़ी गुरमीत चौधरी और देबिना बनर्जी ने हाल ही में रियलिटी शो पति, पत्नी और पंगा में वापसी की। इस दौरान उन्होंने अपनी निजी जिंदगी का एक अनसुना किस्सा साझा किया—वो ये कि उन्होंने महज 19 साल की उम्र में गुपचुए में शादी कर ली थी। SCREEN से बातचीत में गुरमीत ने बताया, “2006 में हम सिर्फ़ 19 साल के थे, जब हमने चुपके से शादी कर ली। अगले साल हमारी शादी की 20वीं सालगिरह होगी।” देबिना ने मुस्कुराते हुए कहा, “हम 19-20 साल के थे, जब हमने आस्था की छलांग लगाई और हम खुश हैं कि हम सुरक्षित उतरे।”

प्यार की शुरुआत सेट से पहले
देबिना ने प्यार की शुरुआत याद करते हुए कहा, “हमारा प्यार रामायण के सेट से पहले शुरू हो गया था। इसलिए साथ काम करना शानदार था। बाद में जब हम अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में व्यस्त हो गए, तब भी हम एक-दूसरे के सहारा बने रहे। आमतौर पर सह-कलाकारों के बीच रिलेवेंस की दिक्कत आती है, लेकिन हमारे साथ ऐसा नहीं हुआ। प्यार पहले हुआ, फिर हमने साथ अभिनय किया।”

फिल्मी अंदाज़ में भागकर शादी
गुरमीत ने हंसते हुए कहा, “मैं हमेशा सोलमेट के कॉन्सेप्ट में यकीन रखता हूँ। मैं बहुत फिल्मी हूँ। हमने भी फिल्मी स्टाइल में घर से भागकर गुपचुए में शादी की। माता-पिता को कुछ पता नहीं था। लेकिन मैं सबको सलाह देता हूँ—ऐसा मत करना। हम सलाह नहीं देते। हम खुशकिस्मत थे कि हमारी शादी चल गई।” देबिना ने जोड़ा, “भगवान हमारा पैराशूट थे, हर किसी के पास वो नहीं होता।” दोनों ने माना कि उनके दोस्तों ने उनसे प्रेरणा लेकर शादी की, लेकिन कई रिश्ते टूट गए।

मनोवैज्ञानिक जोखिम क्या हैं?
मनोवैज्ञानिक राशि गुर्नानी के अनुसार, 19-20 साल की उम्र में परिवार के बिना शादी करना भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक जोखिम बढ़ाता है। इस उम्र में व्यक्तित्व अभी बन रहा होता है और जिम्मेदारियाँ निभाने की क्षमता सीमित होती है। “परिवार की गाइडेंस न होने से चिंता, भावनात्मक अस्थिरता और झगड़ों का हल न निकल पाना आम है,” वे कहती हैं।

परिवार से कटने से अकेलापन, पछतावा, नाराजगी या बर्नआउट हो सकता है। मनोवैज्ञानिक रूप से इस उम्र में ‘ईगो मैच्योरिटी’ कम होती है, जो फैसले और भविष्य की योजना को प्रभावित करती है।

लंबे समय तक रिश्ते पर दबाव
गुर्नानी बताती हैं कि परिवार से अलगाव के कारण सामाजिक और भावनात्मक सहारा नहीं मिलता। इससे रोल स्ट्रेन, अनसुलझे झगड़े और आर्थिक तनाव बढ़ता है। “गुप्त शादी से गिल्ट, शर्म या बगावत की भावना पैदा हो सकती है, जो रिश्ते को अनजाने में प्रभावित करती है। बाहरी वैलिडेशन न होने से तनाव में रिश्ते की स्थिरता पर सवाल उठते हैं।”

असामान्य शुरुआत के बावजूद मजबूत रिश्ता कैसे बनाएँ?
गुर्नानी सुझाती हैं कि युवा जोड़े भावनात्मक बुद्धिमत्ता, खुला संवाद और साझा लक्ष्य विकसित करें। “जल्दी थेरेपी या कपल काउंसलिंग लें। इससे व्यक्तिगत और साझा चुनौतियों को समझने में मदद मिलती है।” आत्म-चिंतन, ट्रिगर्स को समझना और भावनात्मक सुरक्षा बनाना रिएक्टिव व्यवहार कम करता है और लंबे समय तक भरोसा बढ़ाता है।

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