Fire incident: देश में आग से तीन बड़े हादसे: 7 नवजात समेत 37 की मौत
- दिल्ली के बेबी केयर सेंटर में आग से सात नवजात की मौत
- दिल्ली के कृष्णा नगर इलाके में आग से तीन लोगों की मौत
- राजकोट में गेमिंग सेंटर में आग से 12 बच्चों समेत 27 की गई है जान
Fire incident: देश में आग से तीन बड़े हादसे: पहला हादसा दिल्ली के शहदरा के विवेक विहार स्थित न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में शनिवार देर रात भीषण आग लग गई। इस हादसे में सात नवजात बच्चों की मौत हो गई है। पांच नवजात बच्चों का इलाज दूसरे अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल से 12 नवजात बच्चों का रेस्क्यू किया गया था। इनमें से छह नवजात बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जबकि एक नवजात की पहले ही मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से आग ने विकराल रूप ले लिया।
Fire incident:
बेबी केयर सेंटर में आग लगते ही मौके पर हड़कंप मच गया। शोर शराबे के बीच स्थानीय लोग मदद के लिए भागे। देखते ही देखते आग ने ऊपरी मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया। आसपास के लोगों ने पुलिस और दमकल विभाग के साथ मिलकर इमारत के पीछे की ओर की खिड़कियां तोड़ीं और किसी तरह वहां से नवजात बच्चों को एक-एक कर निकाला। fire incident in delhi
आग लगने की सूचना तुरंत दमकल विभाग को दी गई। सूचना दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे। दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाने की कोशिश की और एक-एक कर बच्चों को रेस्क्यू करना शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि 12 नवजात बच्चों को इमारत से बचाया गया था लेकिन छह की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। जबकि एक बच्चे को मृत निकाला गया था। पांच का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनमें से एक की हालत भी गंभीर बनी हुई है।
शनिवार रात करीब 11:32 बजे दिल्ली के शाहदरा इलाके में आईआईटी ब्लॉक बी, विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में आग लगने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही दमकल की 16 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। दमकल विभाग के मुताबिक, चाइल्ड केयर सेंटर में बच्चे और स्टाफ मौजूद था। fire incident in delhi
वहीं दूसरी घटना दिल्ली के कृष्णा नगर ( Krishna Nagar News) से सामने आई। यहां पर एक चार मंजिला मकान में आग लग गई। हादसे में दो महिला समेत तीन की मौत हो गई। दस लोगों को दमकल ने सुरक्षित बचा लिया। जिन्हें बाद में डॉक्टर हेडगेवार अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। मृतकों की पहचान प्रमिला 60 साल, केशव शर्मा 30 साल और अंजू शर्मा 40 साल के रूप में हुई है।
दमकल विभाग की टीम ने बताया कि पार्किंग में लगे मीटर के बोर्ड में आग लगी थी। जिसके बाद पार्किंग में खड़े 10 वाहनों में आग फैल गई। देखते ही देखते आग ऊपरी मंजिलों पर फैल गई।
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ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से आग ने लिया किया विकराल रूप धारण
केयर सेंटर में ऑक्सीजन सिलेंडर फटने से आग ने विकराल रूप ले लिया। सिलेंडर केयर सेंटर से दूर-दूर जाकर गिरे। लोगों को लगा कि भूकंप आ गया है। केयर सेंटर के दो रास्ते हैं। पिछले रास्ते की खिड़की को तोड़कर नवजातों को बाहर निकाला गया। एम्बुलेंस से नर्सिंग होम में भर्ती करवाया। सभी बच्चे केयर सेंटर में ऑक्सीजन सपोर्ट में थे। पुलिस उनके अभिभावकों का पता लगा रही है।
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वहीं तीसरी घटना गुजरात के राजकोट शहर में टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग के कारण 12 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद ‘गेम जोन’ के मालिक और प्रबंधक को हिरासत में ले लिया गया है। सरकार ने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। अब बताया जा रहा कि एसआईटी के सदस्यों ने आग लगने की घटना के सिलसिले में स्थानीय प्रशासन के साथ रविवार तड़के एक बैठक की।
एक अधिकारी ने बताया कि शव इतनी बुरी तरह झुलस गए हैं कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही है। उन्होंने बताया कि शवों और मृतकों के रिश्तेदारों के डीएनए नमूने एकत्र कर लिए गए हैं ताकि मृतकों की पहचान की जा सके।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) विनायक पटेल ने बताया कि घटनास्थल से 27 शव बरामद किए गए हैं और उन्हें शहर के सिविल अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने कहा, ‘शव इतनी बुरी तरह झुलस चुके हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल है और हमने शवों और उन पर दावा करने वाले रिश्तेदारों के डीएनए नमूने एकत्र करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, ताकि मृतकों की पहचान की जा सके। मरने वालों की संख्या और बढ़ने की संभावना नहीं है।’
सीएम ने अस्पताल का किया दौरा
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की तरफ से आग की घटना पर नगर निगम और प्रशासन को तत्काल बचाव और राहत कार्य के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, आज सुबह उन्होंने गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी के साथ नाना-मावा रोड पर घटनास्थल का दौरा किया। साथ ही घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे।
मृतकों में 12 साल से कम उम्र के 12 बच्चे शामिल
बता दें कि शनिवार शाम राजकोट के टीआरपी ‘गेम जोन’ में भीषण आग लगने से 12 साल की कम आयु के 12 बच्चों समेत कुल 27 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। राजकोट में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) राधिका भराई ने बताया था कि 27 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। शव पूरी तरह से जल चुके हैं। ऐसे में उनकी पहचान करना मुश्किल है। एसीपी विनायक पटेल ने बताया था कि मृतकों में 12 साल से कम उम्र के कम से कम 12 बच्चे शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक स्कूलों में छुट्टी होने के कारण टीआरपी गेम जोन में बड़ी संख्या में बच्चे अपने अभिभावकों के साथ मस्ती करने पहुंचे थे।
72 घंटे के भीतर सौंपे रिपोर्ट
इस हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया। उसे पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया। इसके अलावा एसआईटी को 72 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके लिए टीम शनिवार देर रात राजकोट पहुंची और स्थानीय प्रशासन के साथ बैठक की।
गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी भी शनिवार देर रात राजकोट पहुंचे और बैठक में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से घटना की जानकारी मांगी है और दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
जांच तुरंत शुरू की जाएगी
एसआईटी के प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी ने बैठक से पहले शनिवार रात पत्रकारों को बताया कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। उन्होंने कहा कि जांच तुरंत शुरू की जाएगी ताकि इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाया जा सके और सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो। उन्होंने कहा, ‘हम घटना के सभी पहलुओं की जांच करेंगे और उनकी विस्तृत जांच करेंगे। हम जान गंवाने वाले बच्चों को न्याय दिलाने के लिए पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करेंगे।’
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