आइजोल अब रेल नक्शे पर: बइरबी-सायरंग लाइन से उत्तर-पूर्व में विकास की नई पटरी
New Delhi/Aizawl news देश का उत्तर-पूर्वी राज्य मिजोरम आज गर्व और आशा से भर गया है। राजधानी आइजोल अब भारतीय रेल नेटवर्क से औपचारिक रूप से जुड़ गया है, और यह सिर्फ एक कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक सामाजिक-आर्थिक क्रांति की शुरूआत है। यह जानकारी पूर्व अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड, जया वर्मा सिन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि बइरबी से सायरंग तक बनी 51.38 किमी लंबी रेल लाइन मिजोरम को राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़ने वाली ऐतिहासिक कड़ी बन गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उद्घाटन की गई इस रेल लाइन को भारत सरकार की ह्यलुक ईस्टह्ण और ह्यनेबरहुड फर्स्टह्ण नीति का रणनीतिक स्तंभ माना जा रहा है। मिजोरम की राजधानी आइजोल अब देश के अन्य प्रमुख शहरों से सहज संपर्क में आ गई है।
-इंजीनियरिंग का नायाब नमूना: पहाड़, घाटियाँ और सुरंगें
उन्होंने बताया कि इस लाइन का निर्माण भौगोलिक और मौसमीय चुनौतियों से जूझते हुए किया गया है। 55 प्रमुख पुलों और 45 सुरंगों से होकर गुजरने वाली इस रेल परियोजना में देश का दूसरा सबसे ऊँचा पियर ब्रिज (114 मीटर) शामिल है, जो कुतुब मीनार से भी ऊँचा है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह प्रोजेक्ट न केवल तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि यहाँ की जलवायु, वर्षा और भूस्खलन जैसी कठिनाइयों ने इंजीनियरिंग टीम की क्षमताओं की परीक्षा भी ली।
रेल सेवा शुरू होने से कोलासिब से आइजोल तक की यात्रा का समय अब आधे से भी कम रह जाएगा। इससे न केवल यात्रियों को सुविधा मिलेगी, बल्कि वस्तुओं की आपूर्ति तेज होने से महँगाई पर भी नियंत्रण संभव होगा। व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के नए अवसर अब मिजोरम की पहुंच में हैं।
-मिजोरम: पर्यटन और संस्कृति का नया द्वार खुलेगा
श्रीमती सिन्हा ने कहा कि रेल संपर्क केवल आर्थिक दृष्टि से नहीं, बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टि से भी मिजोरम को नयी ऊँचाइयाँ देगा। राज्य की घाटियाँ, पर्वत, झरने और हरियाली देश-दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित करने का सामर्थ्य रखते हैं। आईआरसीटीसी और मिजोरम सरकार के बीच अगस्त 2025 में हुए दो वर्षीय समझौते के तहत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज और ट्रेनों की योजना तैयार की गई है। डिस्कवर नॉर्थ ईस्ट बियॉन्ड गुवाहाटी पहल के अंतर्गत पर्यावरण-अनुकूल और सस्ती पर्यटन सेवाएं शुरू की जाएंगी।
-भौगोलिक रणनीति में अहम कड़ी: अंतरराष्ट्रीय व्यापार को मिलेगी गति
उन्होंने बताया कि मिजोरम की सीमाएँ बांग्लादेश और म्यांमार से लगती है, जिससे यह राज्य भारत की अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीति में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। नई रेल कनेक्टिविटी मिजोरम को भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।


New Delhi/Aizawl news

