घटना का पृष्ठभूमि: बरेली में कैसे भड़का बवाल?
26 सितंबर को बरेली के कोतवाली इलाके में जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर के समर्थन में आईएमसी के बुलावे पर बड़ी संख्या में लोग जमा हुए थे। मौलाना तौकीर रजा के भाषणों और अपीलों को पुलिस ने हिंसा की साजिश का केंद्र बताया है। भीड़ बेकाबू हो गई और विभिन्न स्थानों पर दुकानों-वाहनों में तोड़फोड़, पुलिस पर पथराव और फायरिंग की घटनाएं हुईं। इस दौरान 22 पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि हालात काबू करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। बवाल के बाद प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी और इंटरनेट सेवाएं दो दिनों के लिए निलंबित कर दीं।
तौकीर रजा की गिरफ्तारी और जेल जीवन
बवाल के एक दिन बाद, 27 सितंबर को बरेली पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया। सुरक्षा कारणों से उन्हें बरेली की बजाय फर्रुखाबाद जिले की फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में शिफ्ट कर दिया गया, जहां वे पिछले एक महीने से न्यायिक हिरासत में हैं। उनके खिलाफ कुल 11 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें 10 बरेली हिंसा से जुड़े हैं। इनमें भड़काऊ भाषण देने, साजिश रचने और उपद्रव भड़काने के आरोप शामिल हैं। एक पुराना मामला 2019 का है, जब सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने ‘खून की नदियां बहाने’ की धमकी दी थी। थाना कोतवाली और बारादरी में दर्ज इन मामलों की जांच विशेष जांच टीम (एसआईटी) कर रही है।
कोर्ट में क्या हुआ? पुलिस की रिमांड मांग
मंगलवार की पेशी के दौरान पुलिस ने तौकीर रजा को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए पुराने मामलों में रिमांड की मांग की, लेकिन कोर्ट ने इसे स्थगित कर दिया। वकीलों के अनुसार, अगली सुनवाई में चार्जशीट दाखिल होने की संभावना है। बरेली रेंज के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया कि तौकीर के रिकॉर्ड को देखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत के पर्याप्त आधार हैं। फिलहाल, शहर में हाई अलर्ट है और चार सुपर जोन में बंटे इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
भतीजे की शादी में शामिल होने का सस्पेंस
इधर, तौकीर रजा के भाई तौसीफ रजा खान के बेटे मुफ्ती फैज रजा अजहरी की शादी आज ही (28 अक्टूबर) होनी है। जेल से बाहर आने की संभावना कम होने से परिवार में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने अभी इस पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई: बुलडोजर और गिरफ्तारियां
बवाल के बाद योगी सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए तौकीर के करीबियों पर शिकंजा कसा। अब तक 126 नामजद और 2,500 अज्ञात लोगों के खिलाफ 10 एफआईआर दर्ज हुई हैं, जबकि 100 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) और नगर निगम ने अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया—तौकीर के करीबी नफीस खान का बारातघर ध्वस्त कर दिया गया, जबकि सपा पार्षद फरहत के मकान और दुकानों को सील किया। विद्युत विभाग ने बिजली चोरी के 8 मामलों में एफआईआर दर्ज की। आईएमसी कार्यालय को भी सील कर दिया गया।
मुस्लिम समाज की नाराजगी
बरेली के मुस्लिम समुदाय के कई लोग तौकीर रजा से नाराज हैं। स्थानीय निवासी शारिक अब्बासी ने कहा, “इस पूरी घटना की जिम्मेदारी सिर्फ मौलाना तौकीर पर है। उन्होंने शहर की फिजा खराब की।” समाज ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों की ‘डेंटिंग-पेंटिंग’ जरूरी है। बरेली में शांति बहाल है, लेकिन प्रशासन सतर्क मोड में बना हुआ है। आगे की कार्रवाई पर नजरें टिकी हैं।

